बिलासपुर: जलमग्न मंदिरों के पुर्नस्थापन की तैयारियां शुरू, दिल्ली से बिलासपुर आयेगी एक्सपर्टस की टीम

ख़बरें अभी तक। वर्षो से गोविंदसागर के आगोश में समाये सैंकडों एतिहासिक मंदिरों के पुर्नस्थापन को लेकर एक बार फिर से आस बंधी है। सरकार ने एक बार फिर से इन मंदिरों के लिये प्रयास शुरू कर दिये है।  इन जलमग्न मदिंरों के स्थानांतरण और उनके पुर्नस्थापन के लिये दिल्ली से जल्द एक एक्सपर्ट टीम बिलासपुर आयेगी, जो कि मदिंरो का सर्वें करके उनकी रिपोर्ट सरकार का सौंपेगी। रिपोर्ट में मंदिरों के पुर्नस्थापन के लिये और इनके स्थानांतरण की संभावनाओं को तलाशा जायेगा और एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करके सरकार को सौपीं जायेगी जिसके बाद मंदिरों के स्थानांतरण पर सरकार अपना कार्य करेगी।

बता दें कि भाखडा बांध बनने के बाद बिलासपुर रियासत की शताब्दियों पुराने लोक आस्था के प्रतीक सैंकडों मंदिर भी जलमग्न हो गये थे जिनका इतने वर्षों के बाद भी पुर्नस्थापन नहीं किया जा सका। मंदिरों के नाम पर केवल राजनीति ही होती रही लेकिन इतने वर्षों बाद भी इनका पुर्नस्थापन नहीं किया जा सका। वहीं, बिलासपुर जिला में पर्यटन की आपार सम्भावनाएं है यदि प्राचीन मंदिरों का सही स्थल पर मौलिक स्वरूप के अनुरूप स्थापना होती है तो निकट भविष्य में यह मंदिर पर्यटकों के लिए आर्कषण का केन्द्र बिन्दू तो होगें ही इसके साथ जिला विश्व पर्यटन मानचित्र पर भी ऐतिहासिक धरोहर के लिए अपना स्थान अंकित करेगा।