हरियाणा: ग्रीन कॉरिडोर जमीन मुआवजा वृद्धि मामला, 27 जून को महिलाओं की अगुवाई में रेल रोकेंगे किसान

ख़बरें अभी तक। ग्रीन कारिडोर 152डी की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर बैठे किसानों ने अब महिलाओं की अगुवाई में रेल रोकने का निर्णय लिया है। महिलाओं की अगुवाई में किसान 27 जून को हरियाणा में 29 प्वाइंटों पर पंचायत, खापों व सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर आंदोलन शुरू करेंगे। इस दौरान आर-पार की लड़ाई का ऐलान करते हुए आंदोलन के दौरान किसानों द्वारा संसद भवन व प्रधानमंत्री कार्यालय का घेराव करने पर भी निर्णय लिया जाएगा।

दादरी जिले के 17 गांवों के किसान गांव रामनगर में गत 26 फरवरी से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। किसानों की मांग है कि ग्रीन कारिडोर नेशनल हाईवे की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा नये कलेक्टर रेट निर्धारित करके मार्केट वल्यु अनुसार दिया जाए। अपनी मांगों को लेकर किसानों की सीएम व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भी वार्ता हो चुकी है। जिसमें उनको आश्वासन मिला था कि जिला प्रशासन द्वारा किसानों से मिलकर कलेक्टर रेट तय कर लिया जाएगा। जिसके आधार पर उनको मुआवजा मिले। धरने पर किसानों ने सरकार व प्रशासन के खिलाफ रोष प्रदर्शन करते हुए वायदा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने वायदा करने के बाद भी उनके साथ धोखा किया है। इस दौरान किसानों ने सरकार व प्रशासन के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। धरने पर भारी संख्या में पहुंची महिलाओं ने आगामी आंदोलन में आगे बढक़र रेल रोकने में विशेष भूमिका निभाने की बात की। महिलाओं ने कहा कि किसानों से पहले वे आत्मदाह करने को तैयार हैं। जमीन चली गई तो वे बेघर हो जाएंगे, मरते दम तक अपनी मांगों को लेकर मैदान में डटे रहेंगे।

धरने की अगुवाई कर रहे किसान नेता रमेश दलाल ने कहा कि हम बार-बार आश्वासन व वार्ताओं से धोखा खा चुके हैं। सरकार के आश्वासन पर धरातल पर किसानों के लिए कुछ नहीं किया। इस बार हम आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। इसके लिए निर्णय लिया है कि महिलाओं की अगुवाई में किसान 27 जून को हरियाणा में 29 प्वाइंटों पर पंचायत, खापों व सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर आंदोलन शुरू करेंगे। आंदोलन के दौरान आर-पार की लड़ाई के लिए संसद भवन व प्रधानमंत्री कार्यालय का घेराव करने की भी रणनीति बनाई जाएगी। दलाल के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के सहयोग से किसानों के आंदोलन को आगे बढ़ाया जाएगा। अल्टीमेटम देते हुए कहा कि सरकार दो दिन में किसानों की मांग लिखित रूप से पूरा करें, अन्यथा किसान अपने रेल रोकने के आंदोलन को हरियाणा से शुरूआत कर देशभर में आंदोलन करेगी।