ख़बरें अभी तक । लोकसभा में शुक्रवार को तीसरी बार तीन तलाक विधेयक पेश किया गया। इस दौरान संसद में काफी हंगामा हुआ विपक्ष ने इस विधेयक का विरोध किया. विपक्षी सांसदों ने दावा किया कि ऐसा किया जाना संविधान का उल्लंघन है. इसके बाद कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने संसद में हंगामा शुरू कर दिया . इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ने वोटिंग कराई जिसके बाद यह बिल 74 के मुकाबले 186 मतों के समर्थन से पेश हुआ.
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि तीन तलाक पर लाया गया यह बिल मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ है. इस विधेयक को लेकर संसद में ओवैसी – थरूर और रविशंकर के बीच तीखी नोकझोंक हुई. कानून मंत्री ने सदन में विधेयक पेश करते हुए कहा कि विधेयक पिछली लोकसभा में पारित हो चुका है, लेकिन 16वीं लोकसभा का कार्यकाल समाप्त होने के कारण और राज्यसभा में लंबित रहने के कारण यह निष्प्रभावी हो गया और सरकार इसे दोबारा इस सदन में लेकर आई है.कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने तीन तलाक विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि इस कानून से मुस्लिम महिलाओं की स्थिति में कोई सुधार नहीं आएगा.
ओवैसी ने कहा कि तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ है कि यदि कोई तीन तलाक देता है तो भी शादी नहीं टूटेगी.ऐसे में बिल में जो प्रवाधान है, उससे महिला का पति जेल चला जाएगा. यही नहीं उसे कानूनन तीन साल जेल में रहना होगा. फिर मुस्लिम महिला को गुजारा-भत्ता कौन देगा। क्या सरकार मुस्लिम महिला को गुजारा भत्ता देगी। इस बिल से केवल मुस्लिम पुरुषों को सजा मिलेगी. सरकार मुस्लिम महिलाओं के हित में नहीं है बल्कि उन पर बोझ डाल रही है.