मानव सभ्यता के आरंभ से ही योग का जन्म हुआ, जीवंत भारतीय सभ्यता की निशानी है योग…

खबरें अभी तक। आज विश्वभर में योग दिवस मनाया जा रहा है। माना जाता है कि जब से मानव सभ्‍यता का आरंभ हुआ तभी से योग किया जा रहा है। योग विद्या में भगवान शिव को पहले योगी के रूप में माना जाता है। योग का उल्लेख ऋग्वेद में किया गया है। सिंधु घाटी सभ्यता की प्राप्त मुहरों से योग का चित्रित प्रमाण मिलता है। मोहनजोदड़ो में मिली मोहरों में योगमुद्रा में बैठी एक आकृति देखी गई। यह आकृति पशुओं से घिरी है। माना जाता है कि शायद यह भगवान शिव हैं। ऋग्वेद में भी योग का उल्लेख है। भागवत गीता और महाभारत में भी योग के बारे में उल्लेख किया गया है।

योग शब्द संस्कृत से लिया गया है, जिसका अर्थ है शामिल होना या एकजुट होना। योग एक शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास है जो व्यक्ति को शांति प्रदान करता है। अंतराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है। 21 जून का दिन साल का सबसे बड़ा दिन भी होता है। इस दिन आम दिनों के मुकाबले सूरज की किरणें ज्यादा देर तक धरती पर रहती हैं। योग में इस घटना को संक्रमण काल कहते हैं। संक्रमण काल में योग करने से शरीर को बहुत फायदा मिलता है। महर्षि पतंजलि ने अपने योग सूत्रों के माध्यम से योग और इसके ज्ञान को व्यवस्थित किया। स्वामी विवेकानंद ने शिकागो की धर्म संसद में योग पर भाषण दिया। ओशो के नाम से जाने गए आचार्य रजनीश योग और ध्यान के बड़े पैरोकार थे। हजारों साल से योग भारतीयों की जीवन शैली का हिस्सा रहा है। ये भारत की धरोहर है। योग से स्वयं पर नियंत्रण रखने की क्षमता विकसित होती है। योग शांति, आत्मविश्वास और साहस प्रदान करता है।