रिहाशी क्षेत्रों में जिंदगी और मौत के बीच रहने को मजबूर लोग, रबड कंपनी के जहरीले धुएं से हो रहा है स्वास्थ्य खराब

ख़बरें अभी तक। बल्लभगढ के आर्य नगर रिहाशी क्षेत्र के बीचों बीच गत्ता फैक्टी में लगी आग के बाद अब रिहाशी क्षेत्रों में चल रही कंपनियों के पास रहने वाले लोगों को डर सताने लगा है।  बल्लभगढ सेक्टर 2 और कई कॉलोनियों के बीच में चल रही रबड की कंपनियों को बंद करवाने के लिये लोगों ने प्रशासन से अपील की है।  जिसको लेकर बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एल एन पराशर ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और प्रदूषण मंत्री सहित प्रदूषण विभाग को पत्र लिखा है और मांग की है कि लोगों के स्वास्थ्य और जिंदगी के साथ हो रहे खिलवाड को बंद करके रबड कंपनियों को शिफट किया जाये। अगर रबड कंपनियों को रिहाशी क्षेत्र से बंद नहीं किया गया तो वह कोर्ट में याचिका दायर करेंगें।

दरअसल विगत दिवस बल्लभगढ के आर्य नगर रिहाशी क्षेत्र के बीचों बीच गत्ता फैक्टी में लगी आग के बाद अब ऐसी जगहों पर रहने वाले लोगों को डर सताने लगा है। बात करें बल्लभगढ सेक्टर 2 और साथ में लगती हुई कई कॉलोनियों की तो यहां लोग बर्षो से जिंदगी और मौत के बीच रहने के लिये मजबूर हैं। क्यों इस रिहाशी क्षेत्र में चल रही रबड की कंपनियों से निकलने वाले धुएं के चलते रोजना लोगों का स्वास्थ्य खराब होता है।

स्थानिय निवासियों की माने तो वह डर के साऐ में रह रहे हैं। क्योंकि उनके आसपास रबड की कंपनियां है। जिनसे निकलने वाला धुआं जहरीला होता है। जब वह सुबह उठते हैं तो उनका थूक काला निकलता है। यहीं समस्या बच्चों के साथ भी हो रही है।  वह रोजना सांसों के साथ जहर ले रहे हैं उपर से आग लगने का खतरा भी सिर पर मंडराता रहता है। अगर रबड़ में एक बार आग लगती है तो वह बहुत देर तक सुलगती है। इस समस्या के लिये उन्होंने कई बार संबंधित अधिकारियों और विधायक मंत्री से शिकायत की है मगर कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

वहीं इस गंभीर मुद्दे पर बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एल एन पराशर ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और प्रदूषण मंत्री सहित प्रदूषण विभाग को पत्र लिखा है और मांग की है कि लोगों के स्वास्थ्य और जिंदगी के साथ हो रहे खिलवाड को बंद करके रबड़ कंपनियों को शिफ्ट किया जाये। अगर रबड कंपनियों को रिहाशी क्षेत्र से बंद नहीं किया गया तो वह कोर्ट में याचिका दायर करेंगें।