फिर से बड़े पेट्रोल के दाम, मुबंई में पहुंचा 80 के पार

खबरें अभी कक।मुंबई में सोमवार को पेट्रोल की कीमत 80 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गई जबकि डीजल 67.10 प्रति लीटर रुपया रहा। इसके पीछे वैश्विक भू-राजनीतिक संकट, ज्यादा मांग और कम उत्पादन की वजह से कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी को कारण बताया जा रहा है। सोमवार को दिल्ली में पेट्रोल का दाम 72.23 रुपये प्रति लीटर और डीजल 63.01 रुपये प्रति लीटर रहा। शुक्रवार को ब्रेंट क्रूड ऑइल 69 प्रतिशत घटकर 68.53 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, जिसके बाद सोमवार को पेट्रोल की कीमत 15 पैसे बढ़ गई।

पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपये की कटौती की घोषणा 3 अक्टूबर को की गई थी। इस दिन मुंबई में पेट्रोल के दाम 79.99 रुपये प्रति लीटर थे। एक्साइज ड्यूटी कट से पहले महाराष्ट्र सरकार पेट्रोल पर 2 रुपये प्रतिलीटर और डीजल पर 1 रुपये प्रतिलीटर वैट घटा दिया था।

बाजार के जानकारों का कहना है कि इस साल कच्चे तेल की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल पहुंच सकती है, वहीं 2019 तक इसके 100 डॉलर प्रति बैरल पहुंचने की संभावना है। इसका मतलब यह है कि यदि सरकार का हस्तक्षेप नहीं हुआ तो भारत में ईंधन की कीमत और बढ़ सकती है।

4 अक्टूबर 2017 को नरेंद्र मोदी सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर 2 रुपये एक्साइज ड्यूटी घटाई थी, इससे ठीक पहले मुंबई में पेट्रोल के दाम 80 रुपये प्रति लीटर से महज 1 पैसा कम थे। इसका नतीजा यह हुआ कि ईंधन के दाम ढाई रुपये कम हो गए। अप्रैल 2014 से अक्टूबर 2017 तक सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 12 रुपये प्रति लीटर और 13.77 रुपये तक बढ़े।

रिपोर्ट्स की मानें तो ऑइल मिनिस्ट्री ने हाल ही में संकेत दिया था कि अगर कच्चे तेल की कीमत 75 डॉलर प्रति बैरल पहुंचती है तो सरकार खुदरा ईंधन पर लगाई गई एक्साइज ड्यूटी की फिर से समीक्षा करेगी। जैसे-जैसे ईंधन की कीमत बढ़ रही है, वैसे-वैसे इसे जीएसटी के दायरे में लाने का दबाव भी बढ़ रहा है। जीएसटी काउंसिल को इस बारे में अभी चर्चा करनी है, ऐसे में इसे पूरी तरह लागू करने में काफी समय लग सकता है। कच्चे तेल की बढ़ती कीमत वित्त मंत्री अरुण जेटली के वित्तीय गणित को परेशान कर सकती है।