लालू यादव तीसरे केस चाईबासा कोषागार गबन मामले में भी दोषी करार

खबरें अभी तक। चारा घोटाले के चाईबासा कोषागार गबन मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को कोर्ट ने दोषी करार दिया है. चारा घोटाले का ये तीसरा मामला था, इससे पहले दो अन्य मामलों में लालू को सजा हो चुकी है. इस मामले में बहस दस जनवरी को पूरी हो गई थी और इस मामले में अदालत ने फैसला सुरक्षित कर लिया था. बता दें कि वह चारा घोटाले के देवघर कोषागार से जुड़े एक मामले में साढ़े तीन साल की सजा पाने के बाद रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं.सुनवाई में दौरान अन्य आरोपी जगन्नाथ मिश्रा अपनी पत्नी के देहांत के कारण नहीं आ पाए. सुबह 11 बजे लालू यादव के वकील कोर्ट में पहुंचे, जिसके बाद जज ने कहा कि जल्द ही लालू प्रसाद यादव को कोर्ट में पेश होने के लिए कहिए.

क्या है चाईबासा कोषागार का मामला?

चाईबासा कोषागार से 1992-93 में 67 फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर 33.67 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की गई थी. इसमें साल 1996 में केस दर्ज हुआ था. इस मामले में कुल 76 आरोपी थे, जिनमें लालू प्रसाद और डॉ. जगन्नाथ मिश्रा के नाम भी शामिल हैं.

हालांकि सुनवाई के दौरान 14 आरोपियों का निधन हो चुका है. दो आरोपियों सुशील कुमार झा और प्रमोद कुमार जायसवाल ने अपना जुर्म कबूल लिया, जबकि तीन आरोपियों दीपेश चांडक, आरके दास और शैलेश प्रसाद सिंह को सरकारी गवाह बना दिया गया है.

डे-टू-डे बेसिस पर हो रही है सुनवाई-

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई कोर्ट चारा घोटाले की सुनवाई डे-टू-डे बेसिस पर कर रही है. झारखंड में चारा घोटाले में लालू यादव पर पांच मुकदमे दर्ज थे, जिनमें से दो पर सजा का ऐलान हो चुका है.

देवघर कोषागार से फर्जीवाड़ा करके अवैध ढंग से धन निकालने के इस मामले में लालू प्रसाद यादव एवं अन्य के खिलाफ सीबीआई ने आपराधिक षड्यन्त्र, गबन, फर्जीवाड़ा, साक्ष्य छिपाने, पद के दुरुपयोग आदि से जुड़ी भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120बी, 409, 418, 420, 467, 468, 471, 477ए, 201, 511 के साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के तहत मामला दर्ज किया था.