चुनावों में नेताओं की गिरती भाषा की मर्यादा, एक्शन मूड में चुनाव आयोग

ख़बरे अभी तक । चुनाव आते ही नेताओं के भाषा की मर्यादा और उसकी गरिमा दिन पर दिन गिरती चली जा रही है और इसी भाषा की मर्यादा को रोकने के लिए चुनाव आयोग भी एक्शन में आ चुका है । चुनाव आयोग ने योगी-माया के बाद आजम खान और मेनका गांधी पर भी बैंन लगा दिया है ।
और हम बात करें 2019 की लोकसभा चुनाव की तो, अभी पहले चरण के चुनाव की ही समाप्ति हुई है और उधर नेताओं के भाषा की मर्यादा गिरती ही जा रही है । चाहे वह किसी के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग हो या धर्म के नाम पर लोगों को वोट के लिए उकसाना आदि । यह भाषा की मर्यादा हमारे लोकतंत्र के त्यौंहार को और लोकतंत्र के गरिमा को खराब कर रही है। पर एक्शन लेते हुए चुनाव आयोग ने भी योगी-माया के बाद आजम खान और मेनका गांधी पर बैन लगा तो दिया है पर, इसका प्रभाव कितना पड़ता है यह चुनाव के आने वाले चरणों में ही पता चलेगा ।
बीते कुछ दिनों में जिस प्रकार देश के नेताओं ने भाषण दिया है – योगी-माया ने जिस प्रकार धर्म में अली-बजरंगबली की परिभाषा दी और मेनका गांधी ने भी मुस्लमानों को धर्म के नाम पर वोटों का गणित समझाया और आजम खान ने जिस प्रकार जया प्रदा पर अभद्र टिप्पणी की । इस एक्शन मुड में चुनाव आयोग ने इन सभी नेताओं के चुनाव प्रचार पर बैन कर एक कड़ा संदेश दिया है। ताकि भविष्य में इसे दोहराया न जा सके और ऐसे बयान देने वाले नेताओं को भी कड़ा संदेश जाए ।