मेरी टिप्पणी एक अर्थशास्त्री के तौर पर थी उसे नीति आयोग का विचार न माना जाए- राजीव कुमार

खबरें अभी तक। आचार संहिता लगने के बाद से चुनाव आयोग ने भी सख्ती बरतनी शुरु कर दी है. चुनाव आयोग हर तरह की बयान-बाजी पर भी नजर रखे हुए है. इसी के चलते नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कांग्रेस पार्टी की ‘न्यूनतम आय योजना’ यानी ‘न्याय योजना’ पर ट्वीट करते हुए लिखा था कि न्याय योजना तो चांद लाकर देने जैसा वादा है. इस अव्यवहारिक योजना से देश की अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी. सरकारी खजाने को जो घाटा होगा, उसे पूरा नहीं किया जा सकेगा.

राजीव कुमार के इस बयान पर विपक्ष ने आपत्ती जताते हुए चुनाव आयोग से शिकायत की थी जिसके बाद से चुनाव आयोग ने राजीव कुमार से जवाब मांगा था. जिसके बाद आज राजीव कुमार ने अपना जवाब दे दिया है. राजीव कुमार का कहना है कि उनकी टिप्पणी सिर्फ एक अर्थशास्त्री के तौर पर थी वह निजी थी इसलिए उसे नीति आयोग का विचार न माना जाए.

इसी बीच राजीव कुमार ने पूर्व योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिय के बयानों को याद कराते हुए कहा कि मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने अप्रैल 2014 में ‘गुरजरात मॉडल’ पर  टिप्पणी की थी, जबकी उस समय भी आचार संहिता लागू थी.