खबरें अभी तक। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबीक मोदी सरकार हुर्रियत पर बैन लगाने के विचार पर चर्चा कर रही है. गृह मंत्रालय से मिले सूत्रों की माने तो सरकार जल्द ही इस मामले में फैसला ले सकती है. बताया जा रहा है कि पुलवामा हमले के बाद सरकार ने यासीन मलिक,गिलानी समेत 18 अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली थी. जम्मू-कश्मीर सरकार ने घाटी के 18 हुर्रियत नेताओं और 160 राजनीतिज्ञों को दी गई सुरक्षा वापस ली है.
बता दें कि हुर्रियत से पहले ही केंद्र सरकार गैर-कानूनी और विध्वंसकारी गतिविधियों में शामिल होने के कारण कश्मीर के कट्टरपंथी अलगाववादी संगठन जमात-ए-इस्लामी पर गुरुवार को प्रतिबंध लगा चुकी है. इस पर कई विध्वंसक कार्रवाई में शामिल होने के आरोप हैं. इसके साथ ही कई आतंकी संगठनों से इसका संपर्क रहा है. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों की उच्च स्तरीय समिति की बैठक में ये फैसला लिया गया था.