आईसीजे में PAK वकील की अभद्र भाषा, भारत ने कहा कोर्ट को लक्ष्मण रेखा खींचने की जरूरत

ख़बरें अभी तक। भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में कुलभूषण जाधव के मामले में सुनवाई के दौरान पाकिस्तान के वकील की ओर से अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने पर कड़ी आपत्ति जताई है और संयुक्त राष्ट्र की अदालत से लक्ष्मण रेखा खींचने की गुजारिश की। भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे ने आईसीजे में भारत के मामले को रखते हुए, सुनवाई के दूसरे दिन पाकिस्तानी वकील ख्वाजा कुरैशी द्वारा अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने पर अदालत का ध्यान दिलाया।

जाधव (48) भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। उन्हें बंद कमरे में सुनवाई के बाद अप्रैल 2017 में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने ‘जासूसी और आतंकवाद’ के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी।

सुनवाई के तीसरे दिन भारत की ओर से अंतिम दलील देते हुए विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव दीपक मित्तल ने कहा, ‘सैन्य अदालत के फैसले को रद्द करें और पाकिस्तान को मृत्युदंड का अनुपालन करने से रोकें। जाधव को रिहा करें और उनकी सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करें। यदि ऐसा नहीं है तो पूर्ण राजनयिक पहुंच के साथ सामान्य कानून के तहत सुनवाई का आदेश दें।

उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि वह घोषित करे कि पाकिस्तान ने विएना सम्मेलन के अनुच्छेद 36 का उल्लंघन किया है और जाधव को उसके अधिकारों की जानकारी देने में विफल रहा है।

इस बात पर जोर देते हुए कि पाकिस्तान ने बार-बार जाधव तक राजनयिक पहुंच देने से इंकार किया है, उन्होंने कहा कि भारत सरकार अदालत से अनुरोध करती है कि वह विचार करे और घोषणा करे कि पाकिस्तान ने विएना सम्मेलन के अनुच्छेद 36 का उल्लंघन किया है।

इस मामले में भारत की ओर से पेश हो रहे हरीश साल्वे ने यह भी कहा कि वक्त आ गया है जब ICJ मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अनुच्छेद 36 का महत्वपूर्ण हथियार के रूप में इस्तेमाल करे।