ममता बनर्जी के समर्थन में आए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी

ख़बरें अभी तक। सीबीआई बनाम कोलकाता पुलिस विवाद में धरने पर बैठी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लेकर कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व और प्रदेश नेतृत्व का रुख अलग-अलग नजर आ रहा है. वहीं प्रदेश कांग्रेस ने लेफ्ट से सुर मिलाते हुए कहा कि बनर्जी का धरना एक बड़े कॉन्स्पिरेसी का हिस्सा था. बता दें कि साल 2013 में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अब्दुल मन्नान ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर चिटफंड घोटाले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की थी. इसके बाद कोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था.

वहीं दूसरी तरफ, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के धरने पर बैठने के कुछ घंटों के अंदर ही राहुल गांधी ने उन्हें फोन किया और धरने को अपना समर्थन दे दिया. सूत्रों के मुताबिक, अहमद पटेल ने भी बनर्जी को कई बार फोन किया. सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को निर्देश दिया है कि वह पूछताछ के लिए सीबीआई के सामने पेश हों. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मन्नान ने कहा, ‘नरेंद्र मोदी अचानक इसमें इतने एक्टिव कैसे हो गए. इस ड्रामे में टीएमसी और बीजेपी एक दूसरे के साथ नजर आ रही हैं.’ मन्नान ने कहा कि यह बीजेपी और टीएमसी दोनों के लिए फायदेमंद है कि ममता बनर्जी सबसे बड़े एंटी-बीजेपी चेहरे के रूप में उभरें. उन्होंने कहा, “वह दिखाना चाहती हैं कि उनसे ज्यादा एंटी बीजेपी कोई नहीं है.

यह एंटी-बीजेपी वोटरों को रिझाने की उनकी कोशिश है. लेकिन प्रदेश में टीएमसी के खिलाफ काफी नाराजगी है.” मन्नान ने यह भी दावा कि कि 2014 के बाद से प्रदेश में जनता को स्वतंत्रता से वोट करने भी नहीं दिया गया. उन्होंने कहा, “जब भी निष्पक्ष चुनाव हुए, टीएमसी हार गई.” मन्नान ने दावा किया कि हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को तीन राज्यों में मिली जीत की वजह से बीजेपी और टीएमसी मिलकर एक बड़े स्तर की साजिश रच रहे हैं.

हालांकि, इससे कांग्रेस के अंदर ही असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है. केंद्रीय नेतृत्व ममता बनर्जी का समर्थन कर रहा है जबकि स्टेट यूनिट उनके खिलाफ खड़ा है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस चुनाव से पहले कौन सा रुख अपनाती है और यह भी कि इससे पार्टी को कितना नुकसान हो सकता है.