400 बच्चों की जान बचाने वाले कांस्टेबल को सलाम

खबरें अभी तक। भोपाल के सागर जिले के चितोरा गांव के एक स्कूल में तोप का गोला मिलने की खबर से सनसनी फैल गई. दहशत के माहौल के बीच एक पुलिस कॉन्स्टेबल अभिषेक पटेल  की बहादुरी के चलते स्कूल में किसी भी तरह का जान-माल का नुकसान नहीं हुआ. जब यह गोला बरामद हुआ उस वक्त स्कूल में 400 बच्चे मौजूद थे.

अभिषेक पटेल जिस तरह से बम लेकर स्कूल परिसर से भागे थे वो नजारा किसी फिल्मी स्टाइल से कम नहीं था. एक तरह से अभिषेक ने जान-जोखिम में डालकर 400 बच्चों की जिंदगी बचाने की कोशिश की है. मध्य प्रदेश  पुलिस के बहादुर सिपाही अभिषेक ने बताया कि 100 नंबर पर उनको सूचना मिली थी कि यहां पर बम बरामद हुआ है.

खबर मिलते ही वह एक टीम लेकर मौके पर पहुंच गए. उन्होंने देखा कि 400 बच्चे वहां पर मौजूद है और स्कूल के अध्यापक वहां पर चर्चा कर रहे थे. अभिषेक ने बताया कि इस बम का 10 किलो वजन और लंबाई 12 इंच थी.  उन्होंने कहा कि जब बम निरोधक दस्ता काफी देर तक नहीं पहुंचा तो उनको ट्रेनिंग के दौरान सिखाई गई एक बात याद आ गई.

अभिषेक का कहना था कि उनको बताया गया था कि इतने वजन वाला बम अगर फट जाए तो 500 मीटर के आसपास तक नुकसान पहुंचा सकता है. अब उनके पास 400 बच्चों और वहां मौजूद लोगों बचाने के लिए कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था और बम किसी भी समय फट सकता था क्योंकि यह कोई नहीं जानता था कि बम किस हालत में है.

जब तक कोई समझ पाता अभिषेक ने बिना देर किए बम को अपने कंधे में रखकर दौड़ना शुरू कर दिया और एक किलोमीटर दूर ले जाकर फेंका. इस बीच उनकी टीम के लोग समझाते रहे कि गोला फेंक कर दूर हट जाएं क्योंकि अगर बम फट जाता तो अभिषेक शरीर के परखच्चे उड़ जाते. लेकिन अभिषेक का एक ही मकसद था कि किसी तरह से गोले को रिहायशी इलाके से दूर कर दिया जाए.

अभिषेक की इस बहादुरी की चर्चा चारो ओर हो रही है. वहीं यह बम कहां से आया है कि इस सवाल पर आईजी सतीश सक्सेना का कहना था कि अंदेशा है कि स्कूल सेना के फायरिंग रेज के पास ही स्थित है हो सकता है यह वहीं से गिरा हो. यह बम काफी पुराना है. आईजी सक्सेना कहना है कि इससे पहले इसी तरह का एक बम सागर जिले के ही बनाड गांव में पाया गया था जिसकी जांच अभी चल रही है.