सर्दियों में भी ट्रैकिंग के शौकीनों की पसंद बना चादर ट्रैक

ख़बरें अभी तक। विंटर सीजन के दौरान देशभर से ट्रैकिंग का शौक रखने वाले ट्रैकर इन दिनों लेह-लद्दाख के पास जांस्कर लेक में चादर ट्रैकिंग करने का जमकर लुत्फ उठा रहे है। हर साल यहां विंटर सीजन जनवरी माह में ट्रैकिंग की जाती है। करीब नौ दिनों तक ट्रैकिंग का रूट चादर ट्रैक का रहता है। यहां पहाड़ों के बीच बहने वाली जास्कर नदी सर्दियों में शून्य से नीचे तापमान होने पर जम जाती है, जहां पर यहां आसपास रहने वाले लोग जमी हुई नदी को पार कर जाते हैं।

वहीं, हर साल यहां इस नदी से होकर ट्रैकिंग भी की जाती है। इस ट्रैकिंग को करने के लिए सबसे अधिक युवा-युवतियां बाहरी राज्यों से यहां हर साल पहुंचते है। यह दुनिया में सबसे अद्भुत ट्रैकर में एक है, जिसे करने के लिए सैलानी व ट्रैकिंग का शौक रखने वाले यहां पहुंचते है।

ट्रैकिंग करवाने वाले युवकों नीटू ठाकुर व विजय ठाकुर की मानें तो हर साल यहां ट्रैकिंग चादर ट्रैक पर होती है। यहां जांस्कर नदी जो सर्दियों में पूरी तरह से बर्फ की सफेद चादर से जम जाती है। उसे पार करने लोग स्पेशल इस चादर ट्रैकिंग को करने के लिए आते है। नीटू ठाकुर ने बताया कि यह दुनिया की सबसे अद्भुत ट्रैकिंग में एक है। पहले पुराने समय में जांस्कर गांव के लोग जब उनके पास कोई दूसरा कारोबार नहीं था तब वे खाने की सामग्री बेचने के लिए लेह के बाजार में व्यापार करने जाते थे, लेकिन बदलते समय के अनुसार आज जांस्कर नदी पर ट्रैकिंग होने से यहां इसका नाम चादर ट्रैक पड़ गया है।

ट्रैकर नीटू व विजय के अनुसार यहां जाने से पहले सभी प्रशासनिक सभी नियमों का पालन किया जाता है। साथ ही ट्रैकिंग पर जाने वालों के स्वास्थ्य की भी जांच की जाती है। इसके साथ पूरी व्यवस्था के साथ ही करीब दस  दिनों की ट्रैकिंग की जाती है। गौर रहे कि जम्मू और कश्मीर सर्दी आते ही जांस्कर राज्य के बाकी हिस्सों से कट जाता है। पेंसी ला, जो लद्दाख से जासंकर तक का सामान्य मार्ग है। बर्फ से ढंक जाता है, जिससे जनवरी माह में वाहनों का आवागमन असंभव हो जाता है। जांस्कर नदी लोगों के साथ सर्दियों में बाहरी दुनिया के साथ संपर्क बनाने का यहां के स्थानीय लोगों का एकमात्र सहारा है। पहले यहां के लोग अनाज, कपड़े जैसे घरेलू सामान के लिए मक्खन, पनीर और जानवरों के व्यापार को लेह जाते थे, लेकिन आज यहां के लोग इस नदी पर निर्भर हैं। यह दुनिया की सबसे अद्भुत ट्रैकिंग में एक मानी जाती है, जहां पर आज यहां के लोग ट्रैंकरों के सहारे अपनी आर्थिकी को सुदृढ़ कर रहे हैं।