रोहिंग्या मुसलामानों की किस्मत दो साल के अंदर हो जाएगी तय

 खबरें अभी तक। म्यांमार और बांग्लादेश के बीच बड़ा समझौता हुआ है. इस समझौते में रोहिंग्या मुसलमानों की किस्मत तय होने वाली है. ‘दो साल के भीतर’ स्वदेश वापसी इसका बड़ा मुद्दा है.म्यांमार में सेना ने बड़ी कार्रवाई के चलते रोहिंग्या बांग्लादेश चले गये थे, उन्हें वापस अपने देश भेजने के लिए ये समझौता मुहीम जैसा है. इसके तहत बेघर लोगों को घर भो दिए जाएंगे. घर अस्थाई होगी.

बयान में कहा गया कि बांग्लादेश 5 ट्रांजिट कैंपों लगाएगा, जहां से रोहिंग्याओं को म्यांमार स्थित दो रिसेप्शन सेंटरों पर भेजा जाएगा. बयान में यह भी कहा गया कि म्यांमार ने म्यांमार के नागरिकों के बांग्लादेश में अधिक संख्या में होने पर रोक लगाने को लेकर प्रतिबद्धता जताई है.

म्यांमार की राजधानी में हुई इस जॉइंट मीटिंग के बाद बांग्लादेश सरकार की तरफ से यह बयान जारी किया गया. हालांकि अभी तक म्यांमार की सरकार की तरफ से कोई भी बयान नहीं आया है.म्यांमार की सरकार के प्रवक्ता ने कहा था कि वापिस आने वाले लोगों को वेरिफिकेशन प्रक्रिया में पास होने पर ही नागरिकता दी जाएगी.