खबरें अभी तक। ढाई साल के लम्बे इंतजार के बाद कुलदीप मलिक को आखिरकार उनका सम्मान मिल गया है। उनको साक्षी मलिक के कोच होने का सम्मान मिल गया है। जिसे खट्टर सरकार ने मानने से इन्कार कर दिया था।
बता दें कि साक्षी मलिक के रियो ओलंपिक में मेडल जीतकर वापस लौटने पर बहादुरगढ़ में सम्मान समारोह का आयोजन हुआ था। वहां खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने हाथों से साक्षी को ढाई करोड़ रुपये और कोच कुलदीप मलिक को भी 10 लाख रुपये का डमी चेक दिया था। कुलदीप ओलंपिक में साक्षी के नेशनल कोच थे और नेशनल कैंप में भी कुलदीप ही साक्षी को कुश्ती के गुर सिखाते रहे।
जिसके बाद सरकार ने साक्षी के खाते में तुरंत ढाई करोड़ रुपये डाल दिए थे, लेकिन कोच कुलदीप मलिक को कुछ नहीं मिला था। ओलंपिक में साक्षी का कोच होने के कारण केंद्र सरकार, रेलवे और महाराष्ट्र सरकार ने नकद इनामी राशि देकर कुलदीप मलिक को सम्मानित किया था। हरियाणा सरकार ने यह कहते हुए इनाम देने से इनकार कर दिया था कि साक्षी मलिक का कोच होने का चार लोगों ने दावा किया है।
लेकिन अब खट्टर सरकार ने कुलदीप मलिक को साक्षी मलिक का कोच मान लिया है। सरकार ने कुलदीप मलिक को 10 लाख रुपये भी दिए हैं। कुलदीप मलिक ने कहा सरकार ने उन्हें सिर्फ राशि दी है, लेकिन सम्मान नहीं दिया। कुलदीप मलिक ने कहा कोच और खिलाड़ी को सरकार समय पर सम्मान दे।
उन्होंने कहा कि ढाई साल पहले सरकार ने घोषणा की थी, लेकिन इन सालों में उन्हें सिर्फ अपमानित किया गया और अब महज राशि देकर पल्ला झाड़ लिया गया। उन्होंने कहा कि कोच और खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने और उनके मनोबल को बनाए रखने के लिए सरकार समय पर उनका सम्मान करें और राशि प्रदान करे।