सीएमआईई की रिपोर्ट से फूटा मोदी सरकार का रोजगार सृजन बुलबुला: शिवसेना

खबरें अभी तक। शिवसेना का कहना है कि “मोदी सरकार को युवाओं की भावनाओं से नहीं खेलना चाहिए, मोदी सरकार ने पहले बड़े-बड़े वादे किए अब उनके पूरे होने की बात भी कह रहे हैं, लेकिन रोजगार सृजन का बुलबुला अंतत: सीएमआईई की रिपोर्ट से फूट गया.

आपको बता दें कि मोदी सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा की है. लेकिन इस बीच, शिवसेना ने नौकरियों के अवसर घटने को लेकर केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि अगर मोदी रोजगार सृजन का श्रेय लेना चाहते हैं तो उन्हें देश में घटी नौकरियों की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए.

बता दें कि शिवसेना केंद्र और महाराष्ट्र में बीजेपी नीत सरकार की सहयोगी है. पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में शिवसेना ने सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की एक रिपोर्ट का हवाला दिया. इसमें दावा किया गया कि पिछले एक साल में देश में 1.09 करोड़ नौकरियां खत्म हुई हैं.

संपादकीय में कहा गया, अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 70 लाख नौकरियां पैदा करने का श्रेय चाहते हैं तो उन्हें एक साल में 1.09 करोड़ नौकरियां घटने की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए. इसके अलावा पार्टी ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के सभी को नौकरी देने में अपने सरकार की असमर्थता जताने संबंधी पूर्व के बयानों का भी हवाला दिया. शिवसेना केंद्र को आगाह करती आई है कि जो युवा उसे सत्ता में लेकर आए थे, वही उसे सत्ता से बेदखल भी कर सकते हैं.