ईश्वर और यौन संबंध पर रामगोपाल की नई फिल्म

खबरें अभी तक। रामगोपाल वर्मा लीक से हटकर काफी बोल्ड विषयों पर फिल्म बनाते आए हैं. रंगीला से लेकर वीरप्पन तक रामगोपाल वर्मा ने कई ऐसे अनछुए विषयों को पेश किया है. इस बार रामोगापल वर्मा ने अडल्ट ऐक्ट्रेस मिया माल्वोका के साथ ‘गॉड, सेक्स ऐंड ट्रुथ’ फिल्म लेकर आ रहे हैं।

डायरेक्टर के मुताबिक, यह फिल्म क्रांतिकारी सेक्स दर्शन पर आधारित है. इस फिल्म में यौन संबंध और ईश्वर दोनों विषयों को जोड़कर दिखाया गया है।

यौन संबंध को अक्सर अपवित्र और अधार्मिक करार दिया जाता है. लगभग सारे धर्मों में ईश्वर की प्राप्ति के रास्ते में ब्रहाचर्य को आवश्यक बताया गया है।

कई दार्शनिकों और मनोवैज्ञानिकों ने इससे पहले इस विषय पर लिखा है. भारत के धर्मगुरु ओशो ने भी ‘संभोग से समाधि की ओर’ में आध्यात्मिक लक्ष्य में यौन संबंध को नकारा नहीं  है बल्कि इससे होते हुए आध्यात्मिक लक्ष्य की प्राप्ति की बात कही गई है।

ओशो कहते हैं, ‘हमने यौन संबंध को सिवाय गाली के आज तक दूसरा कोई सम्मान नहीं दिया. हम तो बात करने में भयभीत होते हैं. हमने तो इसे इस भांति छिपा कर रख दिया है जैसे वह है ही नहीं, जैसे उसका जीवन में कोई स्थान नहीं है. जब कि सच्चाई यह है कि उससे ज्यादा महत्वपूर्ण मनुष्य के जीवन में और कुछ भी नहीं है. लेकिन उसको छिपाया है, उसको दबाया है. दबाने और छिपाने से मनुष्य इससे मुक्त नहीं हो गया, बल्कि मनुष्य और भी बुरी तरह से इससे ग्रसित हो गया. दमन उलटे परिणाम लाया है।

ब्रिटेन में एलेन हॉल सेमिनरी के फादर स्टीफन वांग ने एक बार कहा था कि लोग ब्रह्मचर्य का गलत मतलब निकालते हैं, जबकि ये तो ईश्वर के साथ अनूठा संबंध बनाता है. उनके अनुसार, ‘ये दमन नहीं है. ये भी एक तरह से प्यार की कला सीखने जैसा है।

मनोवैज्ञानिक सिगमंड फ्रॉड ने कहा था, यौन संबंध हर समय की सबसे जरूरी चीज रही है औऱ रहेगी।

इस फिल्म में एक और कोट है- यौन संबंध ईश्वरीय देन है और इस पर लगाए गए प्रतिबंध मानवीय. कई लोग यौन संबंध को प्रकृति का मूल समझते हैं और इसे वर्जित करने के पक्ष में नहीं हैं. लेकिन दूसरी तरफ इसे अधायत्म की राह में रोड़ा समझा जाता है.  यौगिक दर्शन में पवित्र यौन ऊर्जा का जिक्र मिलता है. अगर इंसान अपनी सेक्सुअल एनर्जी को अध्यात्म के पक्ष में उठाता जाए तो वह ईश्वर की प्राप्ति कर सकता है।