8 साल की मासूम से रेप व मर्डर केस में आरोपी को फांसी की सजा

ख़बरें अभी तक। रेवाड़ी: 8 साल की एक मासूम बच्ची के साथ रेप व मर्डर के मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नरेश कुमार ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है। आरोपी ने सबूत नष्ट करने के बच्ची के शव को अलमारी में छिपा दिया था। जैसे ही न्यायाधीश ने शुक्रवार को फांसी की सजा सुनाई तो आरोपी फूट-फूट कर रोने लगा। जिस समय इस केस की सजा सुनाई गई, उस समय पीडि़त व आरोपी पक्ष के परिजनों के अलावा भारी संख्या में लोग मौजूद थे। रेवाड़ी के न्यायिक इतिहास में पहली बार रेप व मर्डर के मामले में किसी को फांसी की सजा सुनाई गई है। न्यायाधीश ने पीडित को न्याय प्रदान करने के लिए मामले का निपटारा मात्र छह माह में कर दिया।

आपको बता दें कि यह मामला 8 जून का है और रेवाड़ी जिला के कसौला थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है। मध्यप्रदेश का एक परिवार यहां किराए का मकान में रहकर अपनी आजीविका कमा रहा था। 8 साल की एक बच्ची व 5 साल का लडक़ा माता-पिता के साथ रह रहे थे। बच्ची स्कूल जाती थी। यहीं पर हाथरस यूपी के गांव मीरपुर निवासी 22 वर्षीय सन्नी भी अपनी बहन व जीजा के साथ किराए के कमरे में रह रहा था। इसी मकान में पीडि़त परिवार भी रहता था। बच्ची के पिता और सन्नी दोनों कंपनी में काम करते थे। 8 जून को जीजा व बहन गांव चले गए थे और वह घर पर अकेला था।

इधर, लडक़ी के माता-पिता सन्नी से यह कह कर गए थे कि वह अपने पुत्र को दवाई दिलवाने जा रहे हैं। घर पर पुत्री अकेली है और उसका ख्याल रखना। उनके जाने के बाद सन्नी की हवस जाग उठी। उसने पहले अपने कमरे में मोबाइल फोन पर अश्लील फिल्म देखी और फिर उसने बच्ची को धोखे से अपने कमरे में बुला लिया। वह उसके साथ जब जबरदस्ती करने लगा तो बच्ची ने विरोध किया। तत्पश्चात उसने बच्ची के हाथ-मुंह बांध दिए और फिर

दरिंदगी की। अब सन्नी को भेद खुलने व पकड़े जाने का जब डर सताने लगा तो उसने उसकी गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। किसी को शक न हो, यह सोचकर उसने शव को अपने कमरे की अलमारी में छिपा दिया।

माता-पिता जब देर शाम को घर पहुंचे तो उन्होंने सन्नी से बच्ची के बारे में पूछा। उसने कहा कि वह किसी लडक़ी के साथ चली गई है। जब काफी देर तक तलाशने के बाद भी बच्ची नहीं मिली तो इसकी सूचना कसौला थाना पुलिस को दी गई। तलाशी के दौरान सन्नी हमदर्द बनने व उसे तलाशने का ड्रामा करता रहा।

इसी दौरान पुलिस को जब कुछ शक हुआ और सन्नी से कड़ी पूछताछ की गई तो वह टूट गया। उसने बताया कि उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म करके उसकी गला दबाकर हत्या कर दी है और शव को अलमारी में छिपा रखा है। तत्पश्चात पुलिस ने रेप व हत्या का केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया था। यह मामला अदालत में लंबित था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने गवाहों व बयानों के आधार पर मात्र 6 माह में इस का फैसला सुनाते हुए आरोपी सन्नी को फांसी की सजा सुनाई है।

जिला बाल संरक्षण समिति ने अदालत के इस फैसले की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे फैसलों से दूसरे दरिंदगी की सोच रखने वालों को सबक मिलेगा।