शिमला: एक दिन की हड़ताल पर देश के बैंक कर्मचारी

ख़बरें अभी तक। पूरे देश के बैंक कर्मचारियों ने आज केंद्र सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ एक दिन की हड़ताल की। राजधानी शिमला में भी ऑल इंडिया बैंकर्स ऑफिसर कनफेडरेशन के आह्वान पर बैंक बंद रहे और कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ उपायुक्त कार्यालय के बाहर जबरदस्त नारेबाजी करते हुए धरना प्रदर्शन किया।

गोपाल शर्मा ने बताया कि केन्द्र सरकार लगातार बैंक कर्मचारियों का शोषण कर रही है। हाल ही में हुई भारतीय बैंक संघ और बैंक यूनियनों कि बैठक में स्केल वन से लेकर स्केल सात तक के सभी बैंक अधिकारियों को केंद्र सरकार के अन्य कार्यालयों के समान वेतन देने की मांग की थी. जिसे पूरा करने से भारतीय बैंक संघ ने मना कर दिया जिसके चलते मजबूरन ऑल इंडिया बैंकर्स ऑफिसर कनफेडरेशन ने आज पुरे देश में हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है।

ऑल इंडिया बैंकर्स ऑफिसर कनफेडरेशन हिमाचल सर्कल के महा सचिव गोपाल शर्मा ने बताया कि बैंकों में आज जो हालात है उसका समाधान बैंकों को मर्ज करना नहीं है बल्कि केंद्र सरकार को 50 से 60 जो बड़े कॉर्पोरेट है उनसे लोन की रिकवरी करने से देश के बैंकों की आर्थिक दशा को सुधारा जा सकता है लेकिन केंद्र सरकार जानबूझकर उन कॉर्पोरेट से रिकवरी नहीं करती। केंद्र सरकार की कर्मचारी विरोधी नीति के चलते आज बैंक घाटे में है।

इसके अलावा बैंक यूनियनों की मांग है कि बैंकों का कार्यदिवस 6 दिन की जगह पांच दिन किया जाए।नई पेंशन नीति को बदलकर पुरानी व्यवस्था को लागू करने की मांग। बैंक को थर्ड पार्टी के कामों से मुक्त किया जाए। और उसे सिर्फ कोर बैंकिंग करने दिया जाए। क्षेत्रीय ग्रमीण बैंकों के अधिकारियों को राष्ट्रीयकृत बैंकों की तर्ज पर पेंशन एवं अन्य लाभ दिया।