बच्चे की बाजू टूटने पर नहीं करवाया स्कूल प्रशासन ने इलाज

खबरें अभी तक। यूं तो समय-समय पर सरकारी स्कूल की लापरवाही की खबरें मिलती रहती है लेकिन क्या कोई स्कूल इतना संवेदनहीन भी हो सकता है की एक बच्चे की हड्डी टूट जाए और स्कूल टोल फ्री नंबर 108 पर भी कॉल ना कर पाए. जी हां मामला पांवटा साहिब के रामपुर भारापुर स्कूल का है जहां आठवीं कक्षा का छात्र स्कूल में खेलते हुए गिर गया और उसकी बाजू टूट गई… लेकिन स्कूल के अध्यापकों ने उसे उसके घर छोड़ दिया.

अध्यापकों ने 108 को कॉल करने तक की जहमत नहीं उठाई और ना ही उसे अस्पताल तक पहुंचाना उचित समझा इसके बाद जब स्कूल द्वारा बच्चे को उसके घर छोड़ा गया तो बच्चे का चाचा घर पहुंचा और बच्चे की हालत देखकर उसे सिविल अस्पताल पांवटा साहिब लेकर आया जहां पता चला के बच्चे की एक बाजू की दो हड्डियां टूटी हुई है.