अधिकारियों के सुस्त रवैये से परेशान हैं किसान

खबरें अभी तक। मिर्ज़ापुर अधिकारियों की सुस्ती के कारण धान खरीद में फिसड्डी साबित हो रहा है. क्योंकि अभी तक धान की 6 हजार क्विंटल ही खरीद हो पाई है. जबकि लक्ष्य 3 लाख मीट्रिक टन का है. इतना ही नहीं अबकी बार बीते वर्ष से कम क्रय केंद्र बनाए गए हैं. जिससे किसानों को अपनी फसल कम दामों में ही बेचनी पड़ रही है.

आपको बता दें कि जनपद को धान की बेल्ट भी कहा जाता है. यहां पर चुनार, नारायणपुर और जमालपुर में ज्यादातर धान की खेती ही होती है और खेती करके ही किसान अपने परिवार का गुजारा करते हैं. सरकार की मंशा है कि किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य मिले. लेकिन अफसरों की उदासीनता के चलते यहां पर अभी तक मात्र 64 क्रय केंद्र ही खोले गए जोकि पिछले साल की तुलना में काफी कम है. वहीं जो क्रय केंद्र खोले गए हैं उनका हाल भी कुछ ज्यादा अच्छा नहीं है