रसायनिक खादों के बदले में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देगी सरकार

खबरें अभी तक। बीते दिनों प्रदेश के विभिन्न जिलों में हुए सर्वे की रिपोर्ट में रसायनिक खाद और कीटनाशकों के प्रयोग के बाद अब हिमाचल सरकार कीटनाशकों की सप्लाई में कटौती करने जा रहा है। वहीं, कीटनाशकों से रसायनिक खादों के बदले मे लोगों को प्राकृतिक खेती की ओर मोड़ा जाएगा। ताकि किसान व जमीन दोनों खुशहाल हो सके।

बीते दिनों आई एक रिपोर्ट के अनुसार पूरे प्रदेश में लाहुल स्पीति जिला को पहला स्थान दिया गया है। जहां कीटनाशक और रसायनिक खाद का सबसे ज्यादा प्रयोग हुआ। ऐसे में वहां की मिट्टी में रसायनिक पदार्थ सबसे ज्यादा पाए गए है। वही, रिपोर्ट में दूसरा स्थान शिमला औऱ तीसरा ऊना जिला का है। जहाँ फसलों की पैदावार को बढ़ाने के लिए रसायनों का अधिक प्रयोग किया जा रहा है।

वहीं प्रदेश के कृषि मंत्री डॉ राम लाल मार्कण्डेय ने कहा कि प्रदेश में खेतों में प्राकृतिक खेती के माध्यम से खेती की जाएगी और लोगों को भी इस बारे जागरूक किया जाएगा। प्रदेश में बढ़ रहे कीटनाशकों के प्रयोग को देखते हुए सरकार इसमें भी कटौती करने जा रही है। 2022 तक पूरे प्रदेश को प्राकृतिक खेती राज्य घोषित किया जाएगा। जिसके लिए प्रदेश सरकार बजट के साथ साथ किसानों को प्रशिक्षण भी दे रही है।