जींद में 17 नवंबर को होने वाली बैठक में होगा इनेलो के भविष्य का फैसला

ख़बरें अभी तक। अनदेखी के कारण पार्टी से अलग दूरी बना चुके कार्यकर्ताओं से साधा जा रहा है संपर्क, आधा घंटा एकांत में प्रीतम मेहरा से की चर्चा। आने वाली 17 नवंबर को जींद में होने वाली बैठक में इस बात का फैसला हो जाएगा कि इनेलो का भविष्य क्या होगा। कलायत में दलित संघर्ष समिति प्रदेश अध्यक्ष एवं रैदास तख्त प्रधान डॉ. प्रीतम कौलेखा के आवास पर शुक्रवार देर सांय पत्रकारों से बात करते हुए दिग्विजय सिंह चौटाला ने कहा कि हमारा लक्ष्य सत्ता का सुख भोगना नहीं बल्कि लोगों के बीच में रह कर उनकी सेवा करना है।

चंडीगढ़ व दिल्ली के बंद कमरों में बैठ कर पार्टी के भविष्य का फैसला नहीं किया जा सकता। लोकदल की परंपरा लोगों के बीच में रह कर कार्य करने की रही है। उन्होंने प्रधान डा. प्रीतम सिंह कौलेखां की घर वापसी बताते हुए कहा कि जो पुराने निष्ठावान कार्यकर्ता अनदेखी के कारण पार्टी से अलग दूरी बना चुके थे। उनसे संपर्क साधा जा रहा है। उन्होंने कहा कि दुष्यंत में प्रदेश का युवा प्रदेश का भविष्य देखता है। यदि दुष्यंत के पक्ष में कोई नारा लग गया तो वह पार्टी का विरोध कैसे हो गया। लेकिन उन पर कांग्रेसी होने का आरोप लगाया गया।

रैली में कोई इनेलो के विरोध में नारे नहीं लगे तो वे कांग्रेसी कैसे हो गए। कांग्रेसी वो लोग हैं जो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ थाली में खाना खाते हैं। जो खट्टर के साथ सलाह मशवरा करते हैं वो बीजेपी के हैं। उन्होंने कहा कि चौधरी ओमप्रकाश चाटैाला से एक ही सिख ली है कि हक मांगने से नहीं छिने जाया करते है। इस बात का इतिहास गवाह है। और जो पार्टी को के पचर करने को चले है। तथा जो लोग पार्टी को हाईजेक करने की कोशिश कर रहे है। ना कि जोडऩे के लिए जो लोग पार्टी को तोडऩे के लिए चले उनका बुरा ही हुआ है।

उन्होंने कहा कि पार्टी को उन लोगों के चुंगल से छुड़वाना है जो चंडीगढ़ के दफ्तरों में बैठ कर पार्टी की  रणनिति बनाते है। चौधरी देवी लाल ने इस संगठन का नाम लोकदल यूं ही नहीं रखा वो लोगों की पॉलिसी लोगों के बीच बैठकर बनाते थे। और अब  वही जनता जनार्दन ही फैसला करेंगी की पार्टी कैसे चलनी चाहिए। दिग्विजय चौटाला ने कहा कि सांसद दुष्यंत और राव इंद्रजीत की मुलाकात कोई राजनीति मुलाकात नहीं थी। वो हमारे परिवार के पुराने सदस्य है। उनके साथ हमार पीढ़ी दर पीढ़ी परिवारिक नाता चलता आ रहा है। दिग्विजय चौटाला ने कहा कि पोतों पर सितम वाली कोई बात नहीं है। 17 अक्टूबर को इनेलो सुप्रिमों ओमप्रकाश चौटाला से मुलाकात हुई उन्होंने बहुत अच्छे से हमारी बात को सुना।