राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ करने के लिए संसद में प्राइवेट मेंबर बिल पेश करेंगे सासंद राकेश सिन्हा

खबरें अभी तक। राम मंदिर या बाबरी मस्जिद ये तो पता लगने में अभी समय लगेगा क्यूंकि, अयोध्या जमीन विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई जनवरी तक टाल दी है। इसी बीच बीजेपी के धाकड़ नेता ने बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ करने के लिए संसद में बिल लाएंगे। ‘आरएसएस कोटे’ से बीजेपी सांसद बने राकेश सिन्हा राज्यसभा में प्राइवेट मेंबर बिल पेश करेंगे। जानकारी के लिए बता दें की सुनवाई टलने के बाद संतों, पार्टी समर्थकों-कार्यकर्ताओं और कुछ सहयोगी पार्टी की तरफ से मांग उठ रही थी कि सरकार कानून बना कर मंदिर बनाने का रास्ता साफ करें।

प्राइवेट मेंबर बिल की चर्चा के बीच बीजेपी राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने विपक्ष पर सवाल उठा दिए हैं। राकेश सिन्हा ने पूछा है कि तारीख पूछने वाले बिल का समर्थन करेंगे, राकेश सिन्हा ने ट्वीट किया, ”जो लोग बीजेपी, आरएसएस को उलाहना देते रहते हैं कि राम मंदिर की तारीख बताएं उनसे सीधा सवाल है कि क्या वे मेरे प्राइवेट मेंबर बिल को समर्थन देंगे ? समय आ गया है दूध का दूध पानी का पानी करने का।” अपने इस ट्वीट में राकेश सिन्हा ने राहुल गांधी, अखिलेश यादव, सीताराम येचुरी, लालू प्रसाद यादव और चंद्रबाबू नायडू को टैग भी किया है।Image result for संसद में प्राइवेट मेंबर बिल पेश करेंगे सांसद राकेश सिन्हा

लोकसभा और राज्यसभा का कोई भी सदस्य प्राइवेट मेंबर बिल पेश कर सकता है। आजादी के बाद से अबतक सिर्फ 14 प्राइवेट मेंबर बिल ही पास हो सके हैं। संसद से पास आखिरी प्राइवेट मेंबर बिल सुप्रीम कोर्ट (आपराधिक अपीलीय क्षेत्राधिकार का विस्तार) बिल था जो 9 अगस्त 1970 को कानून बना था। 13वीं लोकसभा में 300 प्राइवेट मेंबर बिल लाए गए जिसमें सिर्फ चार प्रतिशत पर ही चर्चा हो पाई थी। जबकि 96 प्रतिशत बिल बिना किसी एक चर्चा के ही गिर गए।

अयोध्या में राम मंदिर को लेकर लगातार आरएसएस की ओर से बयान आ रहे हैं। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पहले ये कह चुके हैं कि अब मंदिर के निर्माण में देर नहीं होनी चाहिए। सरकार मंदिर के लिए कानून बनाए। आरएसएस के प्रवक्ता मनमोहन वैद्य का कहना है कि सरकार मंदिर बनाने के लिए जमीन का अधिग्रहण करे। मनमोहन वैद्य का ये भी दावा है कि ये साबित हो चुका है कि पहले वहां मंदिर ही था। जिसको तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी। उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर बनाने का मुद्दा हिंदू और मुस्लिम समुदाय तक ही सीमित नहीं है। बल्कि देश के गौरव को बहाल करने का है।