नूंह में डिप्थीरिया का प्रकोप जारी, 92 बच्चे बीमारी की चपेट में

खबरें अभी तक। डिप्थीरिया की बीमारी बच्चों की जान पर भारी पड़ रही है. नूंह जिले के नूंह और पुन्हाना खंड में अब तक 23 बच्चों की मौत हो चुकी है. इतना ही नही पीड़ितों का आंकड़ा बढ़कर 92 तक पहुंच गया है. गलघोटू की बीमारी से मौत होने का यह पहला मामला बताया जा रहा है. जिन मौतों को पहले आशंका से जोड़कर देखा जा रहा था. अब उस पर लगभग मोहर लग चुकी है.

मरने वाले या पीड़ित बच्चों की उम्र दरसल 2 -17  वर्ष के आसपास है. दरसल पशुओं में इस बीमारी से मौत का सिलसिला तो पुराना है. लेकिन इंसानों की जान भी बीमारी से खतरे में पड़ गई है. अकेले दिहाना गांव में ही चार बच्चे डिप्थीरिया की वजह से मर चुके है. वहीं स्वास्थ्य विभाग ने मौत के आंकड़ों को देखते हुए टीमें जांच के लिए गांव भेज दी हैं. जहां गलघोटू के केस पाए गए हैं.

शुरुआत में जिले में दस बच्चों की जान जाने की बात सामने आई थी और 35 बच्चों को जांच में बीमारी के लक्षण पाए गए थे. लेकिन उसके बाद से बीमार और मौत होने का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. यह जानलेवा बीमारी जिन गांवों में सामने आई है. उसमें ग्रामीण बीमारी और जान जाने के डर से भयभीत दिखाई दे रहे हैं.  स्वास्थ्य विभाग ने करीब 26 गांव चिंहित किये हैं , जिनमें डिप्थीरिया की बीमारी पाई गई है.