ज्वैलरी इंडस्ट्री ने बजट पेश होने से पहले सरकार से की ये बड़ी मांग

खबरें अभी तक। काफी दिनों से सरकार के बजट नीति के तहत कई बदलावों के बाद आखिरकार फरवरी में लागू होने वाला बजट अंतिम दौर पर है और अब उसमे कोई परिवर्तन बाकी नहीं है. ज्वैलरी इंडस्ट्री की डिमांड है कि बजट पेश होने से पहले सरकार गोल्ड पर आयात ड्यूटी कम करे. दरअसल  सरकार जी.एस.टी. लागू होने के बाद फरवरी में पहला आम बजट पेश करने जा रही है. जी.एस.टी. में ज्वैलरी इंडस्ट्री को लेकर कई नए नियम लगाए गए और कई में बदलाव किया गया. ऐसे में ज्वैलरी इंडस्ट्री को इस आम बजट से काफी उम्मीदे हैं.

ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी ट्रेड फैडरेशन (जी.जे.एफ.) के चेयरमैन नितिन खंडेलवाल ने बताया कि सरकार ने तस्करी रोकने के लिए गोल्ड पर आयात ड्यूटी बढ़ाई थी. अब इस पर काफी हद तक कंट्रोल कर लिया गया है. इस बार हमें सरकार से आयात ड्यूटी को 10 से घटाकर 4 प्रतिशत करने की मांग है.

नितिन खंडेलवाल ने कहा कि ड्यूटी स्ट्रक्चर कम होने से गोल्ड की कीमत कम होगी और डिमांड बढ़ेगी. इससे गोल्ड इंडस्ट्री ऑर्गेनाइज्ड होगी. बता दें कि जी.जे.एफ . के साथ अभी 4 लाख से अधिक ज्वैलर हैं.हॉलमार्किंग को भारत में वर्ष 2000 में लागू किया गया था लेकिन इसे जरूरी नहीं बनाया गया था.

अब 17 साल के बाद भी भारत में अभी तक सिर्फ 15,000 ज्वैलर्स के पास हॉलमार्किंग का लाइसैंस है और देश में सिर्फ  500 हॉलमार्किंग टैस्ट लैब हैं.नितिन खंडेलवाल ने कहा कि सरकार को हॉलमार्किंग मैन्युफैक्चरिंग लेवल पर अनिवार्य बनाना चाहिए, जिससे असंगठित ज्वैलर्स भी हॉलमार्किंग के दायरे में आ सकें.