प्रगति मैदान के मेकओवर प्रोजेक्ट में घोटाला, आरोपी को मिली बेल

खबरें अभी तक। दिल्ली की एक अदालत ने प्रगति मैदान स्थित आईटीपीओ परिसर की 2,150 करोड़ रुपये की पुनरुत्थान परियोजना में कथित भ्रष्टाचार के मामले में कैपेसाइट स्ट्रक्चर्स के प्रबंध निदेशक संजय कुलकर्णी को जमानत दी है. भ्रष्टाचार के इस कथित मामले में NBCC के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक अनूप मित्तल को भी आरोपी बनाया गया है.

सीबीआई ने कैपेसाइट स्ट्रक्चर्स के प्रबंध निदेशक संजय कुलकर्णी और गाजियाबाद के बिचौलिये ऋषभ अग्रवाल को भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया था. इनके अलावा सीबीआई ने इस मामले में दो अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था.

सीबीआई के मुताबिक प्रगति मैदान में पुनर्निर्माण का ठेका एनबीसीसी ने सितंबर 2017 में शापूरजी पल्लूनजी एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड और शापूरजी पल्लूनजी कतर डब्लूएलएल को 2149.93 करोड़ रुपये में दिया गया था. इसके बाद जांच करते हुए सीबीआई ने 22 दिसंबर को मित्तल, कुलकर्णी, अग्रवाल और सरकारी अधिकारी प्रदीप मिश्रा समेत रिश्वत देने वाले आकाशदीप चौहान के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

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 सीबीआई ने आरोप लगाया है कि कॉन्ट्रैक्ट के इस मामले में घोटाला तब सामने आया जब शापूरजी पल्लूनजी कंपनी की तरफ से केन्द्र सरकार द्वारा दिए गए इस कॉन्ट्रैक्ट को मुंबई स्थित कंपनी कैपेसाइट स्ट्रक्चर्स को बतौर सब-कॉन्ट्रैक्ट दिया गया. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि इस कंपनी के कुलकर्णी ने अपने पक्ष में काम हासिल करने के लिए सरकारी अधिकारियों के साथ अच्छे संपर्क रखने वाले बिचौलिये अग्रवाल से संपर्क किया था.

सीबीआई की एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि अग्रवाल ने एक खुफिया एजेंसी में अधिकारी प्रदीप कुमार मिश्रा से संपर्क किया था. इसके साथ ही प्रदीप कुमार मिश्र एनबीसीसी के वरिष्ठ अधिकारियों के भी बेहद करीबी थे. लिहाजा, सब-कॉन्ट्रैक्ट देने में रिश्वत का सहारा लेते हुए कंपनी को फायदा पहुंचाने का काम किया गया है.

आरोप है कि मिश्रा के प्रभाव में मित्तल ने NBCC के कार्यकारी निदेशक को पुरजोर तरीके से कैपेसाइट स्ट्रक्चर्स के पक्ष में मामले के निपटारे का निर्देश दिया.