भूत प्रेत आत्माओं से परेशान लोगों का यहां होता है पूरा इलाज़

ख़बरें अभी तक। कुल्लू के ऐतिहासिक ढालपूर मैदान में चल रहे देव समागम अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में आये कुल्लू घाटी के सैंकड़ों देवी -देवताओं के दरबार में मन्नत मांगने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। वहीं भूत प्रेत, पिशाच व अन्य किसी दूसरी बूरी आत्माओं से परेशान लोग इन दिनों देवताओं के शरण में आकर देवताओं से इसका  निदान करने के लिए गुहार लगा रहे हैं। देवता अपने देव विधिनुसार प्रभावित लोगों का इलाज कर भूत प्रेत जैसी शक्ति का सामना कर उन्हें मुक्ति दिलाने में लगे हैं।

कुल्लू के स्टेट बैंक वाले मैदान में लगे देवता के शिविरों में विराजमान सैंज घाटी के कनौन गांव के बनशीरा के दरबार में पिछले तीन दिनों से भूतों की खूब परेड हो रही है। देवता बनशीरा के शिविर में रोजाना भूत प्रेत व बुरी आत्माओं से परेशान दर्जनों लोगों का देव विधान के अनुसार निवारण किया जा रहा है। मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति स्त्री व पुरूष भूत प्रेत आत्माओं से परेशान है तो देवता बनशीरा के दरबार में उनका इलाज पूरी तरह से संभव है।

एक तरह से देवता बनशीरा को भूत प्रेतों का थानेदार माना जाता है भूत प्रेत उनसे बूरी तरह से डरते हैं। देवता के अस्थाई शिविर में सुबह से शाम तक भूत प्रेत की बूरी शक्तियों से प्रभवित लोगों का उपचार हो रहा है और उम्र भर के लिये ऐसी शक्तियों से राहत दिला रहे हैं। देवता के पुजारी करतार कौशल, गूर प्रीतम सिंह व देवराज ने बताया कि अठारह करडू व ब्रह्मा ऋषि व देवी भगवती की असीम शक्ति से देवता बनशीरा जहां वनों के राजा है.

वहीं भूत-प्रेत के इलाज के अलावा सच झूठ का न्याय भी करते हैं। वहीं दशहरा उत्सव में देवालय की तरह देव परंपरा का निर्वाहन कर श्रद्धालुओं को आर्शीवाद देते हैं। उन्होंने बताया कि भूत-प्रेत व पिशाच की शक्ति से सभी देवता निपटारा करते हैं लेकिन देवता बनशीरा के दरबार में इनके लिए विशेष दरबार लगता है। वहीं अन्य देवताओं के दरबार में भी देव शक्ति से उपचार हो रहा है।