डेंगू ने दी दस्तक, स्वास्थ्य विभाग के भी हाथ पांव फूले

खबरें अभी तक। डेंगू के डंक ने मेवात में दस्तक दे दी है। इतना ही नहीं पीलिया , डिप्थीरिया सहित कई बीमारियां पुन्हाना खंड के हिंगनपुर गांव में सामने आई हैं। हाईरिस्क जॉन के इस गांव में मलेरिया से होने वाली मौतों को भले ही कंट्रोल कर लिया हो ,लेकिन इस बार डेंगू और डिप्थीरिया जैसी जानलेवा 16 आयु तक के बच्चों पर मौत का खतरा मंडरा रहा है। स्वास्थ्य विभाग को खबर लगी तो पिनगवां पीएचसी के डॉक्टर मनविंदर को टीम साथ हिंगनपुर गांव में जांच के लिए भेजा। सरकारी आंकड़ों में भले ही डेंगू का डंक का मामला दर्ज नहीं है ,लेकिन निजी अस्पतालों ने डेंगू घोषित कर सनसनी फैला दी है।

गुड़गांव कैनाल तथा उजीना ड्रेन के साथ लगते हिंगनपुर गांव में लोग कई प्रकार की बीमारियों की वजह से लोग डरे हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में नहीं आई है। जिसकी वजह से डर बढ़ता ही जा रहा है। गांव के करीब तीन- चार  बच्चों को डेंगू  की शिकायत बताई जा रही है। मलेरिया की अगर बात की जाये , तो इस बार महज 1500 केस सामने आये हैं ,लेकिन किसी की मौत मलेरिया की वजह से नहीं हुई है। आपको बता दें कि पिछले सालों में मलेरिया के केस 6 हजार के आंकड़े के आसपास पहुंच गए थे। जिन्हें कंट्रोल करने में विभाग कामयाब रहा ,लेकिन डिप्थीरिया और डेंगू की दस्तक ने विभाग की नींद उड़ाकर रख दी है। ग्रामीण जल्द से जल्द स्वास्थ्य जांच कर इलाज करने की गुहार स्वास्थ्य विभाग से लगा रहे हैं।

मरीजों में जांच के बाद अगर डेंगू पाया जाता है , तो विभाग के लिए ही नहीं लोगों के लिए भी चिंता का विषय जरूर है। सिविल सर्जन डॉक्टर राजीव बातिश ने बताया कि पता चलते ही हमने टीम हिंगनपुर गांव में भेज दी है। जाँच की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के सामने डेंगू का अभी तक जिले में कोई केस नहीं आया है। फागिंग कराई जा रही है। साथ ही दवाई का छिड़काव दिसंबर तक पहले ही करने का काम जारी है। उन्होंने कहा कि डेंगू इत्यादि बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह गंभीर है। सरकारी अस्पतालों में लोग बीमारियों का इलाज कराएं , तो ज्यादा बेहतर है।