यूपी को 2019 में किया जाए ओडीएफ,  प्रधानों ने जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

खबरें अभी तक। केंद्र सरकार ने पूरे भारत को 2 अक्टूबर 2019 तक खुले में शौच मुक्त घोषित करने का लक्ष्य रखा है. वहीं योगी सरकार इसी वर्ष 2 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश को खुले में शौच मुक्त करना चाहती है. जिसमें मात्र 2 दिन का समय बचा है और कई गांव खुले में शौच मुक्त नहीं घोषित हो पाए हैं. जनपद मऊ में दर्जनों ग्राम प्रधानों ने मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा. ज्ञापन में प्रदेश को ओडीएफ घोषित करने का समय 1 वर्ष बढ़ाए जाने की मांग की गई है.

बता दें कि राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन, उ.प्र के बैनर तले प्रदेश प्रभारी रविंद्र राय और जिलाध्यक्ष विवेकानंद यादव के नेतृत्व में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया. ज्ञापन में मांग किया गया है कि उत्तर प्रदेश को ओडीएफ घोषित करने की तारीख 2 अक्टूबर 2018 से बढ़ाकर 2 अक्टूबर 2019 किया जाए. साथी शासन में लंबित संगठन की सभी मांगों को पूरा किया जाए. ज्ञापन में 14वें वित्त की धनराशि के भुगतान पर खंड विकास अधिकारी के हस्ताक्षर की अनिवार्यता को समाप्त करने की भी मांग की गई है. जिलाधिकारी को ज्ञापन देने के बाद प्रधान मंडल मुख्य विकास अधिकारी, मऊ से ही मिला और शौचालय निर्माण में आ रही समस्याओं को साझा किया.

राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष विवेकानंद यादव ने कहा कि पूरे प्रदेश में जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया जा रहा है. 2 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश को वास्तव में धरातल पर ओडीएफ घोषित करना संभव नहीं है. कई गांवों को 1 सप्ताह पहले पैसा दिया गया है जिससे शौचालय निर्माण में देरी हो रही है. हमारी दूसरी मांग है कि पात्र गृहस्थी में ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव को स्वीकार किया जाए. पूर्ति विभाग की तरफ से मनमाने तरीके से नामों को जोड़ने हटाने की प्रक्रिया बंद की जाए. जिलाधिकारी द्वारा आश्वासन मिला है कि शासन यदि हमारी मांगें मान लेता है तो उनकी तरफ से भी कोई आपत्ति नहीं है.