नैनीताल हाईकोर्ट ने दिया आदेश, ट्रांसजेंडर को भी आरक्षण दे सरकार

खबरें अभी तक। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को राज्य सरकार को ट्रांसजेंडरों को शिक्षण संस्थानों और सरकारी नियुक्तियों में आरक्षण देने का निर्देश दिया. उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को इस फैसले को लागू करने के लिए छह महीने का वक्त दिया है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति राजीव तिवारी की खंडपीठ ने कहा कि ट्रांसजेंडर दयनीय जीवन जीते हैं और अक्सर उनके साथ अनुचित व्यवहार किया जाता है.

उच्च न्यायालय ने कहा कि ट्रांसजेंडर के लिए चिकित्सकीय देखभाल के लिए कोई उपयुक्त कदम नहीं उठाया गया है. ट्रांसजेंडरों की बेहतरी के लिए कोई समाज कल्याण योजनाएं तैयार नहीं की गई.  अदालत ने कहा कि ट्रांसजेंडरों को भी मर्यादा की जिंदगी जीने का हक है और ऐसे में राज्य सरकार उन्हें शिक्षण संस्थानों में दाखिले और सार्वजनिक नियुक्तियों में आरक्षण देने के लिए छह महीने के अंदर योजना बनाए. अदालत का आदेश इस समुदाय के दो सदस्यों की याचिका पर आया है जिन्होंने अपने जीवन और आजादी की रक्षा की मांग की है.