ओलांद के बयान को लेकर फ्रांस सरकार में डर

खबरें अभी तक। राष्ट्रपति फ्रंस्वा ओलांद के राफेल विमान सौदे को लेकर दिए  गए बयान के बाद  फ्रांस सरकार ने यह आशंका जतायी है कि उनके और भारत के सबंधों को कोई नुकसान पहुंच सकता है, राफेल विमानों की खरीद को लेकर ओलांद के बयान ने भारत में पहले से चल रहे विवाद को और हवा दे दी है. पिछले साल फ्रांस के राष्ट्रपति के पद पर थे ओलांद।

शुक्रवार को उन्होंने कहा था कि अपनी एक भारत यात्रा के दौरान फ्रांस की विमान कंपनी दसॉल्ट एविएशन को 2016 में भारतीय प्रशासन के साथ हुये सौदे के तहत भागीदार चुनने में कोई विकल्प नहीं दिया गया था। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राजग सरकार ने दसॉल्ट से 36 राफेल जेट विमान खरीदने का समझौता किया है। इस सौदे के बाद दसाल्ट ने अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस डिफेंस के साथ भागीदारी तय की।

ओलांद की अब इस घोषणा से कि दसॉल्ट के समक्ष इसमें कोई विकल्प नहीं था, मामले को और हवा मिल गई। भारत में विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार पर लगातार हमला कर रहें है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने मामले में अनिल अंबानी की मदद की है। अंबानी उसी राज्य से आते हैं जहां से मोदी आते हैं और वह उनका समर्थक है। ओलांद के बयान पर रविवार को फ्रांस के कनिष्क विदेश मंत्री जीन-बापटिस्ट लीमोयने ने कहा, मेरा मानना है कि यह जो बयान दिया गया है। इससे किसी का भला नहीं होने वाला है और सबसे बड़ी बात है कि इससे फ्रांस की कोई फायदा नहीं होने वाला है।