गुरूद्वारा विवाद: गुरूद्वारे के स्कूल को जबरन कबजाने के आरोप

ख़बरें अभी तक। मंडी के ऐतिहासिक गुरूद्वारे के प्रबंधन को लेकर दो गुटों में चल रहे विवाद में अब नया मोड़ आ गया है। गुरूद्वारा परिसर में जो स्कूल चल रहा है उसके प्रबंधन ने कुछ लोगों पर स्कूल को जबरन कबजाने के आरोप लगाए हैं। बता दें कि गुरू गोबिंद सिंह सीनियर सेकेंडरी स्कूल मंडी का संचालन संत बाबा लाभ सिंह जी आनंदपुर साहिब वाले कर रहे हैं जिसमें मौजूदा समय में 400 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। स्कूल प्रिंसिपल अंजू शर्मा ने पत्रकार वार्ता बुलाकर आरोप लगाए कि कुछ लोग स्कूल का माहौल खराब करने का प्रयास कर रहे हैं और स्कूल पर कब्जा करने की फिराक में हैं।

उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले स्कूल बसों के टायरों की हवा निकाल दी गई, कुछ लोग स्कूल में जबरन घुस आए और कर्मचारियों को धकमाने लगे, चालक के कमरे में जबरन ताला जड़ दिया गया। प्रिंसिपल के अनुसार उन्होंने इस बारे में पुलिस को भी शिकायत दी है और प्रशासन को भी अवगत करवाया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इन्होंने मीडिया के माध्यम से पुलिस और प्रशासन से इस ओर ठोस कदम उठाने की गुहार लगाई है।

वहीं पत्रकार वार्ता में उनके साथ कार सेवादल संत बाबा लाभ सिंह जी मंडी कमेटी के पदाधिकारी और सदस्य भी मौजूद रहे। इनमें मुख्य रूप से कार सेवा के प्रधान नारायण सिंह, सदस्य गुरचरण सिंह, लखनपाल सिंह और सुखदेव सिंह शामिल रहे। वहीं सिंह सभा गुरूद्वारा नेरचौक के प्रधान सरदारा सिंह और सचिव मनप्रित सिंह भी इस मौके पर मौजूद रहे। सभी ने संयुक्त बयान में कहा कि गुरूद्वारे का संचालन संत बाबा लाभ सिंह की देखरेख में चल रहा था.

लेकिन कुछ महत्वकांक्षी लोगों ने गुरूद्वारे पर जबरन कब्जा कर लिया है। कमेटी के सदस्य गुरचरण सिंह ने कहा कि हम सभी मिलकर गुरूद्वारे का संचालन करने के लिए तैयार हैं बशर्ते सारी व्यवस्था पहले की तरह की जाए और संत बाबा लाभ सिंह जी को पूरा मान सम्मान दिया जाए। उन्होंने कहा कि कुछ महत्वकांक्षी लोग इस बात को आगे नहीं बढ़ने दे रहे हैं।

बता दें कि मंडी के ऐतिहासिक गुरूद्वारा श्री गुरू गोबिंद सिंह का संचालन 1982 से संत बाबा लाभ सिंह जी आनंदपुर वालों के पास था, लेकिन कुछ समय पहले स्थानीय गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी ने इसकी बागडोर अपने पास ले ली है, जिसके बाद अब दो गुटों में विवाद गहरा गया है। अभी गुरूद्वारे के संचालन को लेकर चला दावेदारी का विवाद न्यायलय में विचाराधीन है और न्यायलय ने भी दोनों गुटों को आपसी समझौते की सलाह दी है।