यंहा बिना कमरों के होती है पढ़ाई, फिर भी ये राज्य है पढ़ाई में अव्वल

ख़बरें अभी तक। भले ही हिमाचल प्रदेश शिक्षा में आगे रहता हो लेकिन चंबा के सलूणी में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मूलभूत सुविधा के लिए तरस रहे है. पिछले 1 साल से शुरू हुआ पाठशाला का कार्य अभी तक भी पूरा नहीं हुआ. भवन का निर्माण कई महीने ठप पड़ा हुए है. जिसके चलते स्कूली बच्चों को टूटे फूटे फट्टों और ईंटों पर बैठ कर पढ़ने के लिए मजबूर है. स्कूल में 550 के करीब बच्चें है और बारिश के दिनों में कमरें ना होने के कारण बच्चों को समस्या का सामना करना पड़ता है. गावं को शहर जैसी सुविधाएं देने की सरकार लाख दावे करती है. लेकिन इन दावों पे कहीं न कहीं सवाल निशा खड़ा होता है और वहीं ये आलम सिर्फ यहीं नहीं बल्कि कॉलेजों में भी देखने को मिलता है.

हिमाचल सरकार बेहतर शिक्षा देने की बात करती हो लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही नज़र आ रही है. चम्बा के सलूणी में खोला गया सरकारी कॉलेज अपनी बदहाली के आंसू रो रहा है. कॉलेज के 320 छात्र-छात्राओँ का भविष्य अधर में नज़र आ रहा है. दरअसल कॉलेज में राजनीती शास्त्र ,इतिहास ,और जियोग्राफी के प्रोफेसर ही नहीं है. जिस वजह से छात्रों को पढ़ने दिक्कतें आ रही है. कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों ने कहा कि सरकार ने कॉलेज तो खोल दिए है लेकिन प्रोफेसर नहीं होने की वजह से उनहे पढ़ाई में दिक्कतें आ रही है.अब देखना ये होगा कि कब तक यंहा सुविधाएं जनता तक पहुंच पाती है.