भारी बारिश के चलते घरों की दीवारें टूटी, बेघर हुए लोग

ख़बरें अभी तक। यमुनानगर के हमीदा के शमशान घाट के पास रह रहे लोगों पर उस समय मुसीबतों का पहाड़ टूट गया जब भारी बारिश के चलते इनके घरों की दीवारें टूट गई और यह बेघर होने की कगार पर आ गए। लोगों ने आरोप लगाये है कि शमशान घाट का रखरखाव करने वाली कमेटी ने यहां बने टिल्ले की मिट्टी को बेच दिया, जिसके कारण लोगों की घरों की नींव कमजोर पड़ गई और बारिश की वजह से दीवारें टूट गई। लोगों का कहना है कि इस बाबत उन्होंने अधिकारियों से भी बात की है और इसकी शिकायत CM विंडो पर भी दी है लेकिन कोई भी कारवाई अभी तक नहीं हुई है।

यमुनानगर के हमीदा के शमशान घाट के साथ लगते लोगों के घरों की दीवारें टूटकर गिर गई जिस कारण लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। यह लोग डर के साए में जी रहे हैं क्योंकि इन लोगों का कहना है कि दीवारें टूटने से छत्र भी कमजोर पड़ गई हैं और इससे इनको जान माल का खतरा हर समय बना रहता है। लोगों का आरोप है के शमशान घाट की देखरेख करने वाली कमेटी ने यहां बने तिलों से मिट्टी खोदकर बेच दी जिससे उनकी दीवारों कि नीहें कमजोर पढ़ गई। यह लोग मेहनत मजदूरी कर गुजर बसर कर रहे हैं। सतीश ने बताया कि इस बारे में वह अधिकारियों से भी मिल चुके हैं और यमुना नगर के विधायक घनश्याम दास अरोड़ा से भी बातचीत की है लेकिन अभी तक इनकी समस्या का कोई भी हल नहीं निकला है। अब इनकी मांग है कि प्रशासन के द्वारा इनकी कुछ मदद की जाए।

हमीदा निवासी सुषमा ने बताया कि उसके सिर पर उसके पति का साया भी नहीं है और छोटे-छोटे बच्चों को लेकर वह अपने मकान में रह रही है लेकिन अब उसकी भी दीवारें गिर गई ऐसे में वह अपने बच्चों को लेकर कहां जाएं। उसका कहना है कि कमजोर पड़ी दीवारें और छतों के कारण अगर कोई अनहोनी हो जाती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।

यमुनानगर विधायक घनश्याम दास अरोड़ा का कहना है के हमीदा से कुछ लोग उनसे मिलने आए थे और उन्होंने उनकी समस्या भी सुनी है और अब इंजीनियर की सहायता से वहां पर जाकर देखा जाएगा कि इन लोगों के मकानों को कैसे सुरक्षित किया जा सके और उसी हिसाब से योजना बनाकर बनाकर उन पर उन पर काम किया जाएगा और मिट्टी बेचने का आरोप जो इन लोगों ने लगाया है उसकी भी जांच करवाई जाएगी।