निम्नवर्ग के रसोइंया के खाना बनाने पर बच्चों ने नहीं खाया खाना

ख़बरें अभी तक।सीतापुर: सरकारे लगातार भेदभाव को खत्म करने के लिए नए-नए कानून लागू कर रही है. ताकि जातिवाद का अंतर ख़त्म हो सके. इसके लिए निम्नवर्ग को उच्चवर्ग के समांतर लाने के लिए आरक्षण व एससीएसटी जैसे नये कानून बनाकर जातिवाद का अंतर समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं उत्तर प्रदेश के सीतापुर के ग्रामीण इलाकों में जातिवाद को लेकर समस्या ज्यों की त्यों बनी हुयी है. ऐसा ही एक मामला पिसावां इलाके के प्राथमिक स्कूल पल्हरिया में देखने को मिला. यहां प्रधान सालिकराम ने निम्नवर्ग से रामदेवी को नई रसोइयां की जगह चयन किया गया.

उस रसोइयां के हाथों विद्यालय में 76 बच्चों का माध्याह्न भोजन पकाया गया. जिसे केवल उसी के घर के 6 बच्चों ने खाया बाकी के 70 बच्चों ने भोजन नहीं खाया. जिसकी वजह से बना हुआ भोजन ख़राब हो गया और उसे फैंक देना पड़ा. जब इस गंभीर मामले में बच्चों से पूछा गया तो उन्होंने बताया नई रसोइयां निम्नवर्ग बिरादरी से आतीं हैं. इसके अलावा वह गंदी भी रहती हैं. जिसके चलते हम लोगों ने भोजन नहीं खाया.

जब इस गंभीर मामले में मौजूद विधालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक मनोज कुमार से पूछा गया तो उन्होंने बताया नई रसोइयां नीची जाति की है जिसकी वजह से उसके हाथ का पका हुआ मिड डे मील का खाना गांव वालों ने अपने बच्चों को नहीं करने दिया. काफी देर तक खाना रखा रहा बाद में वो ख़राब हो गया जिसको फिकवाना पड़ा. अब पहले वाली रसोइयां रामकुमारी द्वारा खाना पकाया जा रहा हैं.