मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन, दोहरे कर से 50 लाख किसान प्रभावित

खबरें अभी तक। बाराबंकी में मेंथा किसान कल्याण समिति ने ज़िलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज कर उनसे मेंथा किसानों की समस्याओं के निदान की मांग की है। समिति के संयोजक नईम सिद्दीकी ने बताया कि विश्व का कुल 90 प्रतिशत मेंथा उत्पादन भारत में होता है जिसमें से 60 प्रतिशत मेंथा का उत्पादन बाराबंकी रीजन के किसानों द्वारा किया जाता है । लेकिन मेंथा को लेकर सरकार की नीतियों में कमी और जर्मनी द्वारा सिंथेटिक मेंथा के उत्पादन से मेंथा किसान बदहाली का शिकार है और किसानों का मोह मेंथा को फसल से भंग होता जा रहा है।

मण्डी विभाग जहा मेंथा को कृषि उत्पाद मान कर डेढ़ प्रतिशत की दर से मण्डी शुल्क की वसूली करता है वही वाणिज्य कर विभाग मेन्था की फसल को कृषि उत्पाद न मान कर इसके ऊपर 15 प्रतिशत की दर से जीएसटी वसूला जाता है । इस दोहरे कर के चलते मेंथा उत्पाद के दाम बढ़ जाते है जबकि सिंथेटिक मेंथा इससे काफी सस्ता पड़ता है इस लिए मेंथा उत्पाद बनाने वाली कई कंपनियां सिंथेटिक मेंथा इस्तेमाल करने लगी है ।

जिसके चलते मेंथा उत्पादन करने वाले भारत के करीब 50 लाख किसान प्रभावित हो रहे है । मेन्था किसानों की इसी बदहाली को देखते हुए समिति ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर उनसे मेन्था उत्पाद पर मण्डी शुल्क समाप्त करने , जीएसटी को 15 प्रतिशत से घटा कर 5 प्रतिशत करने और सिंथेटिक मेंथा को प्रतिबंधित करने की मांग की है ।