SC/ST एक्ट पर बीजेपी में पड़ी फूट, दो वरिष्ठ नेता हुए आमने सामने

खबरें अभी तक।  कोर्ट के फैसले के बाद SC/ST एक्ट में मोदी सरकार की ओर से संशोधन कर उसे मूल स्वरूप में बहाल करने के विरोध में सवर्ण समाज बेहद नाराज है और सरकार के इस फैसले के विरोध में आज ‘भारत बंद’ जैसा बड़ा आह्वान किया है। सवर्णों को केंद्र सरकार के इस फैसले से आपत्ति है। वहीं बीजेपी के अंदर भी SC/ST एक्ट को लेकर जंग छिड़ गई है।

 

बीजेपी सांसद और पूर्व मंत्री कलराज मिश्रा और सुब्रमण्यम स्वामी जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि बड़ी संख्या में SC/ST एक्ट का दुरूपयोग किया जा रहा है। जिससे स्वर्ण समाज में भयंकर रोष है। दूसरी तरफ़ SC आयोग के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद रामशंकर कठेरिया और बीजेपी सांसद उदित राज का कहना है कि  SC/ST एक्ट का दुरूपयोग नहीं हो रहा है।

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कलराज मिश्रा ने कहा कि जब एक बार फिर से SC/ST क़ानून में बदलाव किया है। उसके बाद से सवर्ण समाज में असुरक्षा की भावना बढ़ी है। उनका कहना है कि SC/ST एक्ट का दुरूपयोग सवर्ण समाज के ख़िलाफ़ किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सवर्ण समाज में फर्जी तरीके से पूरे परिवारों को इस एक्ट में फंसाया जा रहा है। पुलिस भी दबाव में काम कर रही है। जिससे सवर्ण समाज अपने आप को असंतुष्ट और असुरक्षित महसूस कर रहा है। इसलिए अब SC/ST एक्ट के विरोध में सवर्ण समाज विरोध प्रदर्शन कर रहा है। सवर्ण समाज सड़कों पर उतर रहा है जो बिल्कुल ठीक नहीं है। मेरी मांग है इस तरह की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए इस एक्ट में पुनर्विचार किए जाने की जरूरत है। नहीं तो ये समस्या बढ़ेगी जो आंदोलन का रूप भी ले सकती है।

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बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी स्वामी ने कहा कि मैंने SC/ST एक्ट पर कोर्ट का फ़ैसला आने के बाद कहा था कि इसके स्वीकार करना चाहिए, तब पार्टी ने मेरी बात को नहीं सुना। मैंने ये भी कहा था कि इस कानून में तत्काल गिरफ्तारी करने की कोई आवश्यकता नहीं है। मतलब साफ़ है कि कलराज मिश्रा और सुब्रमण्यम स्वामी जैसे वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि 20 मार्च को SC/ST क़ानून पर सुप्रीम कोर्ट ने जो फ़ैसला सुनाया था। ये कानून उसी प्रारूप में रहना चाहिए। मतलब शिकायत के साथ एफआईआर और गिरफ़्तारी नहीं होनी चाहिए। पहले शिकायत की डीएसपी लेवल के अधिकारी से जांच हो उसके बाद ही एफआईआर और गिरफ़्तारी होनी चाहिए।

लेकिन दूसरी तरफ़ पार्टी के सांसद और SC आयोग के अध्यक्ष रामशंकर कठेरिया का कहना है कि SC/ST एक्ट में कोई बदलाव नहीं होगा। ये SC/ST कानून 30 साल पहले जैसा काम कर था। आज भी ये कानून वैसा ही काम कर रहा है। अगर कहीं भी किसी कानून का गलत इस्तेमाल हो रहा है तो उसकी ज़िम्मेदारी पुलिस की है।

रामशंकर कठेरिया का ये भी कहना हैं आज भी शिकायत पर FIR दर्ज होती है लेकिन कोई भी गिरफ़्तारी बिना जांच के नहीं होती है। अगर कहीं भी SC/ST एक्ट में गड़बड़ी की शिकायत आती है तो मेरे पास आए मैं उसका निवारण करूंगा। SC आयोग के अध्यक्ष रामशंकर कठेरिया का ये भी कहना हैं कि कुछ लोग अपनी राजनीति के लिए SC/ST क़ानून के ख़िलाफ़ बोल रहे हैं।