गुरुग्राम जमीन घोटाला मामले में सुरेंद्र शर्मा की एसएसपी के सामने होगी पेशी

खबरें अभी तक। गुरुग्राम जमीन घोटाले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उद्योगपति रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ केश दर्ज कराने वाले शख्स सुरेंद्र शर्मा को गुरुग्राम पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया है. बता दें कि इस शख्स को मंगलवार सुबह 10 बजे गुरुग्राम एसएसपी के सामने पेश किया जाएगा. आपको बता दें कि इस पूरे मामले कि जांच मानेसर के एसीपी कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि इस मामले में FIR दर्ज करवाने वाले सुरेंद्र शर्मा ने इस घोटाले से जुड़ी एक पूरी फाइल भी पुलिस को दी है जिसमें कागजात के अलावा कई बैंकों के चेक भी शामिल हैं।

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एफआईआर दर्ज कराने वाले सुरेंद्र शर्मा ने बातचीत के दौरान कई अहम खुलासे किए, सुरेंद्र शर्मा ने दावा किया है कि गुरुग्राम पुलिस ने उनका बयान दर्ज कर लिया है और वो जांच से संतुष्ट हैं. सुरेंद्र के मुताबिक, पुलिस ने उनसे एफआईआर पर कार्रवाई करने का भी वादा किया है, साथ ही उन्होंने हरियाणा पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं।

आपको बता दें कि सुरेंद्र शर्मा की शिकायत पर सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. कांग्रेस जहां इस केश को राजनीतिक द्वेष की भावना से प्रेरित कार्रवाई करार दे रही है, वहीं हरियाणा की बीजेपी सरकार ने कहा है कि जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

वहीं दूसरी ओर इस जमीन घोटाले में सुरेंद्र शर्मा ने रॉबर्ट वाड्रा और भूपेंद्र हुड्डा के खिलाफ नए सबूत होने का दावा भी किया है. सुरेंद्र ने बताया कि उन्होंने गुरुग्राम पुलिस को सबूत दे दिए हैं, इस हाई प्रोफाइल केस में शामिल होने पर उन्होंने कहा कि मुझे किसी से कोई डर नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा है कि उनका भारतीय जनता पार्टी या किसी और से कोई संबंध नहीं है. सुरेंद्र शर्मा ने खुद को समाजसेवी बताते हुए कहा कि पहले भी ये मामला उठा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई, इसी वजह से उन्होंने अब इसकी शिकायत की है।

बता दें कि एफआईआर गुरुग्राम के खेड़की दौला पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई है. वाड्रा के स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड पर गुरुग्राम के सेक्टर 83 में 3.5 एकड़ जमीन ओंकरेश्वर प्रॉपर्टीज से वर्ष 2008 में 7.50 करोड़ रुपए में खरीदने का आरोप है. जिस वक्त जमीन खरीदी गई उस वक्त  हुड्डा राज्य के मुख्यमंत्री थे और उनके पास आवास एवं शहरी नियोजन विभाग भी था. एफआईआर में कहा गया है कि स्काईलाइट ने बाद में हुड्डा के प्रभाव से कॉलोनी के विकास के लिए कमर्शियल लाइसेंस प्राप्त कर इस जमीन को डीएलएफ को 58 करोड़ रुपए में बेचा. इसमें नियमों को उल्लंघन कर गुरुग्राम के वजीराबाद में डीएलएफ को 350 एकड़ जमीन बेचने का भी आरोप है, जिससे इस रियल एस्टेट कंपनी को 5000 करोड़ रुपए का लाभ पहुंचा.