प्रसिद्ध जैन मुनि तरुण सागर महाराज पंचतत्व में हुए विलीन

ख़बरें अभी तक। गाजियाबाद, प्रसिद्ध जैन मुनि तरुण सागर महाराज उत्तर प्रदेश के मुरादनगर तरुण सागरम तीर्थ में पंचतत्व में विलीन हो गए उन्हें 5:38 मिनट पर मुखाग्नि दी गई इस दौरान सैकड़ों की तादाद में जैन समाज के मुनि वहां मौजूद रहे 24 फरवरी 2017 को तरुण सागर महाराज ने अंतिम बार मुरादनगर स्थित तरुण सागरम तीर्थ में प्रवचन दिया था। आज उन्हें इसी स्थान पर हजारों लोगों ने श्रद्धांजलि दी और उनके अंतिम दर्शन के लिए लोग आए. इस दौरान दिल्ली से लेकर के मुरादनगर तक हजारों गाड़ियां जाम में फंसी रही.

जैन मुनि तरुण सागर जी महाराज के अंतिम दर्शन करने के लिए देश के कोने-कोने से लोग यहां पहुंचे VIP कई लोग भी आए. आज सुबह उन की शव यात्रा दिल्ली से गाजियाबाद के मुरादनगर के लिए चली जैसे ही शव यात्रा दिल्ली और गाजियाबाद होते हुए निकली तो नेशनल हाईवे नंबर 58 पूरी तरह से जाम हो गया जिसकी वजह से सुबह से लेकर शाम तक लोग जाम में फंसे रहे. गाजियाबाद पुलिस ने ट्रैफिक व्यवस्था के लिए कोई इंतजाम नहीं किए क्योंकि उसने ऐसा अनुमान ही नहीं था के शव यात्रा के दौरान हालात इतने खराब हो जाएंगे की इलाका पूरा जाम हो जाएगा।

जैन मुनि तरुण सागर महाराज ने शनिवार सुबह दिल्ली में देह त्याग दिया था। वह 51 वर्ष के थे। उनकी हालत कई दिनों से गंभीर बनी हुई थी। मुनि तरुण सागर जी महाराज ने शनिवार सुबह तीन बजे देह त्याग दी। बताया जा रहा है कि कृष्णा नगर के राधे पूरी एक घर में उन्होंने अंतिम सांस ली। दिल्ली के शाहदरा से जैन मुनि के पार्थिव शरीर को समाधि के लिए गाजियाबाद के मुरादनगर ले जाया जा रहा है। इस दौरान जैन समुदाय से जुड़े हजारी लोग यात्रा में शामिल हुए। बारिश के दौरान भी यात्रा नहीं रुकी।

गाजियाबाद के रास्ते जैन मुनि के शव को राधे पुरी से मुरादनगर लाया गया यहां पर तरुण सागर जी नाम से एक आश्रम है, जहां उनका अंतिम संस्कार हुआ. दिल्ली-मेरठ हाइवे पर शव यात्रा के अलग-अलग रंग देखे गए और भक्त उनके दर्शन करते रहे। जैन मुनि तरुण सागर बुखार और पीलिया की बीमारी से जूझ रहे थे। आयुर्वेदिक तरीके से उनका चल इलाज रहा था. तरुण सागर के शिष्य ब्रह्माचारी सतीश ने बताया की तरुण सागर तेज बुखार और पीलिया की बीमारी से पीड़ित थे।