लापता बेटी की तलाश में 8 महिनों से चक्कर काट रहे बेबस पिता ने पुलिस पर लगाए आरोप

खबरें अभी तक। जौनपुर मे पिछले आठ महीनों से अपनी बेटी की तलाश में एक पिता दर-बदर भटक रहा है। लेकिन कहीं से भी उसे राहत की रोशनी नजर नहीं आ रही है। बेटी की लापता होने के बाद बेबस पिता अपनी बेटी की तलाश में पुलिस अधिकारियों के थाने का चक्कर आठ महिनों से लगा रहा है। लेकिन पुलिस अभी तक आठ महीने बीत जाने के बाद भी कोई एक्शन नहीं लिया है। पूरा मामला शाहगंज कोतवाली क्षेत्र का है।

“पापा मुझे बचा लो नहीं तो ये लोग मुझे मार डालेंगे” ये शब्द उस बेटी की है जिनके मां – बाप कभी सपनों में नही सोंचे होगे उनके बेटी भाग्यवती के साथ यह घटना कभी भी घटित होगा, यह शब्द उस बहन की है। जो अपनी भाई के सूनी हाथो के कलाई मे राखी बांधने के लिए आना चाहती है। वह कहा है यह बात किसी को नहीं मालूम। घर के चौखट पर बैठा यह परिवार अपनी बेटी भाग्यवती की राह देख रहा है। बेटी की लापता होने के बाद परिवार का रो रो कर बुरा हाल है। उनकी आंखे नम है और आशू रुकने का नाम ही नही ले रहा है। यह परिवार जौनपुर के शाहगंज कोतवाली क्षेत्र के नटौली गांव निवासी मिश्री लाल बिन्द का है। आठ महिनों पहले उनकी बेटी घर से रहस्यमयी ढंग से लापता हो गई थी। बेटी की तलाश मे उसके परिवार वालों ने काफी खोजबीन की। लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा। अंत मे थक हारकर परिवार वालो ने थाने पर पहुंच पूरी मामले की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस भी कोई एक्शन नहीं लिया। अपनी बेटी की लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए पिछले आठ महिनों से बेबस पिता थानो चक्कर लगा रहा है। लेकिन वहा भी उसे न्याय की किरण नहीं दिखाई दे रही है।

पिछले तीन दिन पहले आये एक फोन कॉल ने उन परिवार को एक बार फिर झकझोर कर रख दिया। यह फोन कॉल उस बेटी की थी जो अपने पिता से कह रही थी ‘पापा मुझे बचा लो नही तो ये लोग मुझे मार डालेंगे ‘ अपनी बेटी की आवाज को सुन जब उससे पूछा तो तुम इस समय कहा हो उसने बताया कि हम महाराष्ट्र के( उरन )शहर मे है। यहां एक कमरे मे हमे बंधक बना कर रखा गया है। तभी फोन कट जाता है फिर जब परिवार वाले उस नंबर पर फोन करते है तो वस स्वीच ऑफ बता रहा है। लापता बेटी के परिवार वाले एक बार फिर थाने पर पहुंच बेटी द्वारा किये गये फोन कॉल  की जानकारी व बेटी के घट रही घटना की जानकारी पुलिस को देते है तो पुलिस  मामले को नजरअंदाज कर तहकीकात करने के बजाय पीड़ित परिवार को वापस घर भेज देती है। पीड़ित परिवार अपनी बेटी की सही सलामत घर वापस लाने के लिए मोदी सरकार से न्याय की गुहार लगा रहा है।

मीडिया के संज्ञान मे लापता बेटी की मामला आते ही पुलिस महकमे मे हड़कंप मच गया। कैमरे के सामने पुलिस के अधिकारी मामले की जांच कराने की बात कह रहे हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर आठ महिनों में लापता बेटी की सुराग लगाने मे पुलिस कोई एक्शन क्यूं नहीं लिया। लापता बेटी द्वारा आये फोन कॉल को क्यूं नजर अंदाज कर रही है पुलिस। लेकिन पुलिस थाने मे गुमशुदगी के रिपोर्ट दर्ज करवाए जाने की बात तो बता रही है।

प्रदेश के मौजूदा सरकार बेटी बचाओ बेटी पढाओ की बात करती है। लेकिन जौनपुर मे बेटियों के सुरक्षा के लिए प्रशासन भी आगे आने के लिए कतरा रहा है। अब देखना यह होगा कि पीड़ित परिवार द्वारा मोदी सरकार से लगाया गया गुहार सरकार के कानों तक पहुंचता है या नही? लापता हुई बेटी को पुलिस उस बंधक से मुक्त करा कर सही-सलामत वापस घर ला पाती है या नहीं यह तो आने वाला समय ही बतायेगा।