अगर होना चाहते है मालामाल तो बस बताना होगा भिखारियों का पता

खबरें अभी तक। अभी तक आपने सुना होगा कि मुखबिर ने बदमाशों की जानकारी दी तो उसे पैसे मिले , लेकिन अब आपको एक और तरीका मिल गया है पैसे कमाने का और वो तरीका है भिकारी का पता बताने का. जी हां तेलंगाना सरकार ने एक अनोखी स्कीम निकाली है जिसके अंतर्गत आपको भिखारियों का पता लगा कर उसकी सूचना देने पर 500 रुपए दिए जाएंगे.

3 साल पहले भारत के नक्शे पर नए राज्य के रूप में अवतरित हुआ तेलंगाना राज्य अपनी ऐतिहासिक राजधानी हैदराबाद को ‘भिखारी मुक्त शहर’ बनाना चाहता है और अनोखी योजना के साथ इसके लिए बड़ी तैयारी भी कर ली है.

इस संबंध में तेलंगाना के जेल विभाग ने ऐलान किया कि जो कोई भी शहर के सड़क पर किसी भी भिखारी के बारे में जानकारी देगा उसे 500 रुपए का ईनाम दिया जाएगा. राज्य के जेल विभाग ने शनिवार को हैदराबाद को ‘भिखारी मुक्त शहर’ बनाने के लिए अपने इस अनोखे मुहिम की शुरुआत की.

इससे पहले नवंबर में हैदराबाद में आयोजित ग्लोबल इंटरप्रेन्योरशिप सम्मेलन के लिए पूरे शहर को भिखारियों से मुक्त कराया गया था. इस सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इवांका ट्रंप ने भी शिरकत किया था. उनके कार्यक्रम को देखते हुए शहर के प्रशासन ने भिखारियों की धरपकड़ शुरू कर दी ताकि हैदराबाद को ‘भिखारी मुक्त शहर’ के रूप में दिखाया जा सके. उस समय भिखारियों को पकड़कर एक शेल्डर में ठहराया गया था.

अब नई पहल की शुरुआत करते हुए जेल विभाग के महानिदेशक वीके सिंह ने कहा, “हैदराबाद में किसी भी जगह से भिखारी के बारे में कोई भी सूचना दिए जाने पर 500 रुपए का ईनाम दिया जाएगा.” उन्होंने कहा कि यह सूचना जेल विभाग के कंट्रोल रूम में दिया जा सकता है. विभाग की कोशिश है कि ऐसे भिखारियों को पकड़कर उनके लिए रहने और खाने-पीने की व्यवस्था के साथ-साथ काउंसिलिंग और रोजगारपरक ट्रेनिंग दी जाए.

 वीके सिंह ने कहा कि अगर वे बीमार हैं, तो हम उन्हें अस्पताल में भर्ती करेंगे जहां उनका देखभाल किया जाएगा. यह एक बेहद शानदार योजना है. अगर वे फिट हैं, तो उन्हें फर्नीचर बनाने जैसे कई उद्घोगों में लगाया जाएगा. उनके अनुसार, जेल विभाग ने पिछले साल 741 पुरुष और 300 महिला भिखारियों को पकड़ा था.

हैदराबाद पुलिस पहले ही 7 जनवरी, 2018 तक शहर की सड़कों पर भीख मांगने पर रोक लगा चुकी है. पुलिस का कहना है कि इससे वाहनों और पैदल यात्रियों के लिए परेशानी पैदा होती है. नवंबर में ही हैदराबाद प्रशासन भीखारियों के पुनर्वास और उनकी बेहतरी के जरिए इस शहर में भीखारियों के भीख मांगने पर ही प्रतिबंध लगा दिया गया था.