भ्रष्टाचार का अड्डा बने आरटीए पद को खत्म करने से सरकार के रेवेन्यू में हुआ इजाफा

खबरें अभी तक। हरियाणा सरकार द्वारा जिलों से आरटीए (रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी) पद को खत्म कर दिया गया और इसकी जिम्मेवारी जिला के एडिशनल डिप्टी कमिश्नर को दी गई है। क्योंकि जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कमान संभाली तो आरटीए डिपार्टमेंट में भ्रष्टाचार की बहुत शिकायते मिल रही थी। ऐसा लगने लगा कि यह दफ्तर भ्रष्टाचार का अड्डा बन गए है। अब यह जिम्मेवारी जिला अतिरिक्त उपयुक्त को देने के बाद सरकार और विभाग दोनों को फ़ायदा हुआ है। एक तरफ यहां सरकार के रेवेन्यू में इजाफा हुआ है। वहीं ऑफिसो की कार्यप्रणाली में भी बहुत सुधार आया है।

भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाने की कवायद को लेकर हरियाणा सरकार प्रयासरत है और इसी के चलते हरियाणा के जिलों में चल रहे आरटीए विभागों में भ्रष्टाचार की शिकायतें मिलने के उपरांत हरियाणा सरकार ने जिलों में यह जिम्मेवारी जिला अतिरिक्त उपायुक्त को सौंप दी। यह जिम्मेदारी मिलने के बाद जिला अतिरिक्त उपायुक्त सरकार के रेवेन्यू को बढ़ाने के लिए खास कदम उठा रहे हैं जिला यमुनानगर की अगर बात की जाए तो यहां भी सरकार के रेवेन्यू में तीन गुना इजाफा हुआ है। जिला अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि जिले में पिछले साल का रेवेन्यू चार करोड़ 28 लाख रुपये था। जोकि बढ़ कर लगभग 13 करोड़ 16 लाख रूपये हो गया है। दूसरे ऑफिस की कार्य प्रणाली में भी बहुत सुधार आया है। अब सब चीजें ऑनलाइन हो गई हैं। जो पब्लिक आती है उनको भी किसी तरीके से कोई भी परेशानी नहीं होती है। चालान भी अब ई-चालान के जरिए मिलता है। जिम्मेदारी बदलने से बहुत सुधार आया है।

जिला अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि जिला में ओवरलोडिंग रोकने के लिए भी काफी काम किया जा रहा है। यह चालान 4 करोड़ से बढ़कर 13 करोड़ रुपए की हो गई है। इसी से पता चलता है कि जिला स्तर पर इस क्षेत्र में अच्छा काम हो रहा है। जिला अतिरिक्त उपयुक्त ने माना कि यह भी नहीं है कि ओवरलोडिंग पूरी तरह से बंद हुआ है। लेकिन फिर भी जुर्माने और चालान के डर से काफी सुधार आया है। लेकिन अभी इसमें और भी सुधार की जरूरत है।