पशुओं का हो रहा बेधड़क व्यपार, दलालों ने जमाया कब्ज़ा

खबरें अभी तक। दलालों के फेर में फंसकर लुट रहे पशुपालक , करनाल में ऑनलाइन खरीद बिक्री के खेल में दलालों की हो रही चांदी , सरकारी स्तर पर पशु मेले व पशु बिक्री मंडी बनाये जाने की मांग . करनाल से देश भर में होती है दुधारू पशुओं की खरीद फरोख्त !

गाय भैंसों की देश की सबसे बड़ी मार्किट में शुमार करनाल में दलालों ने अपना कब्ज़ा जमा लिया है । ऑनलाइन खरीद फरोख्त करने वाले ये दलाल भोले भाले किसानों को अपने जाल में फांसकर उन्हें मोटी चपत लगा रहे हैं । सरकारी स्तर पर दुधारू पशुओं के खरीद फरोख्त की कोई व्यवस्था ना होने के कारण एजेंट मनचाही कीमत पर पशु का सौदा करवाते हैं और पशुपालकों को गुमराह कर उनसे कमीशन के नाम पर मोटी रकम वसूलते हैं । इस चक्कर में पड़कर ना तो पशु बेचने वाले किसान और ना ही खरीदने वाले किसान को कुछ लाभ होता है बल्कि सारा मुनाफा दलाल हडप जाते हैं । पशुपालकों की इस लूट का मुख्य कारण सरकारी स्तर पर कोई खरीद बिक्री व्यवस्था का ना होना है !

किसान अमनदीप सिंह ने बताया की वह डेयरी का काम करता है , एजेंट ऑनलाइन ग्राहक लाते हैं , सीधे तौर पर ग्राहक से कोई सम्पर्क ना होने के कारण उसे मजबूरन एजेंट का सहारा लेना पड़ता है । इस चक्कर में उन्हें अपने पशु की वास्तविक कीमत नहीं मिल पाती , खरीददार को मुर्ख बनाकर उन्हें पशु की ज्यादा कीमत बताई जाती है, जबकि पशु मालिक से सौदा कम कीमत में तय किया जाता है । इस सारे खेल में दलाल ही अधिकतर रकम हडप जाता है ।

डेयरी संचालक गुरपाल नरवाल ने बताया की करनाल दुधारू पशुओं के खरीद फरोख्त की सबसे बड़ी मंडियों में शामिल है , हरियाणा की मुर्राह और साहीवाल नस्ल देश भर में मशहूर होने के कारण अन्य प्रान्तों से व्यापारी यहाँ पशु खरीदने आते हैं ,  लेकिन दलालों के फेर में फंसकर ना तो खरीदने वाले व्यापारी को लाभ होता है और ना ही बेचने वाले किसान को , इससे मुक्ति दिलाने के लिए सरकार अथवा प्रशासन आगे आये और किसी निर्धारित स्थान पर माह में एक या दो दिन पशु मेला अथवा मंडी लगाकर इस लूट से बचाया जाये । मंडी होने से जहाँ सरकार को फीस के रूप में लाखों रुपयों का फायदा होगा वहीँ किसानों को भी पशु के अच्छे दाम मिलेंगे।