मोदी के स्वच्छता अभियान को पलीता लगा रहे हैं रेलवे अधिकारी

खबरें अभी तक। पीयूष की रेल, यहां आकर हुई फेल। यह बात कहने में इसलिए गुरेज नहीं किया जा सकता, क्योंकि किसी जमाने में छोटी रेल लाईनों को लेकर एशिया के सबसे बड़े रेलवे स्टेशनों में शुमार रह चुके रेवाड़ी जंक्शन पर इन दिनों सुविधाओं का भारी टोटा बना हुआ है और यह हाल तो तब है, जबकि 6 ब्राडगेज लाईनों वाला यह स्टेशन अब माडल स्टेशनों में शामिल हो चुका है।

जी हां, तस्वीरों में आप साफ देख सकते हैं रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नं. एक पर बने शौचालयों पर ताला लटका हुआ है। ऐसे में जहां यात्रियों को खासी असुविधा का सामना करना पड़ता है, वहीं यहां पीएम मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को भी रेलवे के अधिकारी पलीता लगाने में पीछे नहीं हैं। इतना ही नहीं, रेलवे अधिकारियों की वैंडरों से कथित मिलीभगत के चलते भयंकर गर्मी के मौसम में प्लेटफार्मों पर स्थित पानी की नलों से टूटियां तक गायब हो चली हैं और यात्री वैंडरों से बोतलें खरीदकर पानी पीने को विवश हैं।

इसे लेकर अधिकारियों को बार-बार चेताने के बावजूद जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो कुछ सामाजिक कार्यकत्र्ताओं ने स्टेशन पर एक हस्ताक्षर अभियान चलाया और आज स्टेशन अधीक्षक को व्यवस्था में सुधार कराने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।

ऐसा नहीं है कि अधिकारियों को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है, लेकिन सब कुछ जानकर भी वे अंजान बने हुए हैं। वहीं जब इसे लेकर अधिकारियोंसे बात करनी चाही तो उन्होंने कैमरे पर बोलने से साफ इंकार कर दिया। हां इतना जरूर कहा कि इन्हें जल्द ही दुरूस्त करा दिया जाएगा। मगर अब देखना होगा कि कब तक इस बिगड़ी व्यवस्था में सुधार हो पाता है या फिर यात्रियों को इसी तरह सुविधाओं को लेकर समस्याओं से दो-चार होना पड़ेगा।