भिवानी में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कैंटीन का शुभारंभ

ख़बरें अभी तक। अब श्रमिकों व गरीबों को दस रूपये में भरपेट खाने की सुविधा भिवानी,अंबाला,करनाल व पानीपत में भी मिलेगी. आज इन चार जिलों में सस्ती कैंटीन का शुभारंभ किया गया, जिसे श्रमिकों व गरीब तबके के लोगों ने नायाब कदम बताया. श्रम विभाग राज्यमंत्री नायब सैनी ने इस कैंटीन का शुभारंभ किया. श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सरकार द्वारा श्रमिकों व उनके बच्चों को हर मूलभूत सुविधा मुहैया करवाई जाएगी. श्रमिकों को भरपेट भोजन मिलेगा और श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा से महरूम नहीं होने दिया जाएगा. राज्य मंत्री सैनी स्थानीय भीम खेल परिसर में स्वतंत्रता दिवस समारोह के समापन के बाद रोहतक रोड़ पर भवन निर्माण मजदूर और औद्योगिक कामगारों तथा अन्य जरूरतमंद गरीब लोगों के भोजन के लिए सस्ती दरों पर आधारित कैंटीन के शुभारंभ के अवसर पर श्रमिकों को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि इन कैंटीन पर श्रमिकों को 10 रुपए में भोजन की थाली मिलेगी. उन्होंने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी श्रमिक भूखा न रहे. उन्होंने कहा कि श्रमिक महिलाओं को अपना गुजर-बसर करने के लिए सिलाई मशीन मुहैया करवाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि पहले चरण में प्रदेश में पांच जिलों में कैंटीन खोली गई थी और दूसरे चरण 15 अगस्त के अवसर पर अंबाला, करनाल, पानीपत और भिवानी में खोली गई हैं. प्रदेश में 60 हजार महिलाओं को सिलाई मशीन वितरित की जाएंगी. पहले चरण में 30 हजार महिलाओं को सिलाई मशीन वितरित की जा चुकी हैं तथा दूसरे चरण में 30 हजार वितरित की जाएंगी. इसी कड़ी में भिवानी में 22 अगस्त को कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जहां पर एक हजार श्रमिक महिलाओं को सिलाई मशीन वितरित की जाएंगी.

सैनी ने कहा कि श्रमिकों के बच्चों को पढऩे के लिए पहली से आठवीं कक्षा तक आठ हजार रुपए, नौंवी से 12 वीं तक 10 हजार रुपए, बीए से आईअीआई से व्यावसायिक कोर्स के लिए 15 हजार रुपए, एमए के लिए 20 हजार रुपए प्रोत्साहन के रूप में दिए जाते हैं. उन्होंने कहा कि 10 वीं कक्षा में 90 प्रतिशत से ज्यादा अंक हासिल करने वाले श्रमिकों के बच्चों को 51 हजार रुपए, 60 प्रतिशत से ऊपर से 21 हजार, 70 प्रतिशत से ऊपर 31 हजार और 80 प्रतिशत से ऊपर अंकों वाले बच्चों को 80 हजार रुपए की राशि दी जाती है.

उन्होंने कहा कि श्रम विभाग द्वारा श्रमिक की लडक़ी की शादी में 51 हजार कन्यादान और प्रबंध के तौर पर अलग से 50 हजार रुपए की राशि दी जाती है. इस तरह से लडक़ी की शादी में कुल एक लाख एक हजार रुपए प्रदान किए जाते हैं. उन्होंने कहा कि श्रमिक के लडक़े की शादी में 21 हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाती है. सैनी ने कहा कि मातृत्व योजना के तहत 46 हजार रुपए प्रदान किए जाते हैं. उन्होंने कहा कि पिछले चार साल में सरकार द्वारा विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत 422 करोड़ रुपए की राशि श्रमिकों के खातों में डाली है.जबकि विगत सरकार के शासनकाल में महज 28 करोड़ रूपये ही खर्च किए गए थे.