धरने पर बैठे किसानों ने काली पट्टी बांधकर स्वतंत्रता दिवस मनाया

ख़बरें अभी तक। फरीदाबाद, चंदावली गांव स्थित इंडस्ट्रियल मॉडल टाउन (आइएमटी) में धरने पर बैठे किसानों ने काली पट्टी बांधकर स्वतंत्रता दिवस को काला दिवस के रूप में मनाया. ‌किसानों ने कहा ‌कि देश भले ही आजाद हो गया हो लेकिन किसान आज भी कॉपरेटिव घरानों और राजनेताओं का गुलाम बना हुआ है. जंहा पूरे देश में एक तरफ स्वतंत्रता दिवस बड़ी धूम धाम के साथ मनाया गया, वहीं फरीदाबाद के गांव चंदावली में किसानों ने इस दिन को बाजू पर काली पट्टी बांधकर कालादिवस मनाया. अब इसे किसानों का आक्रोश कहे या सरकारी तंत्र की विफलता जिसके चलते किसानों ने स्वतंत्रता दिवस को काली पट्टी बांधकर मनाया. गौरतलब है कि 2008 में गांव चंदावली में इंडस्ट्रियल मॉडल टाउन (आइएमटी) बनाने के लिए पांच गांवों की 1832 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया.

लेकिन किसानों को मुआवजा कम मिला तो किसान हाईकोर्ट चले गए. जिसके बाद किसानों और सरकार एक दूसरे के आमने सामने है. अपनी मांगो को लेकर किसान ‌पिछले 9 महीने से धरना पर बैठे है और सरकार का विरोध कर  रहे है और उसी विरोध का कारण है कि किसानों ने आजादी के दिन को काली आजादी के रूप में मनाया है.

बाजू पर काली पट्टी बांधकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे किसानों ने कहा कि आज देश को आजाद हुए 72वां साल चल रहा है. लेकिन किसान आज भी गुलामी की ‌जंजीरो में जकड़ा हुआ है. अंतर सिर्फ इतना आया है कि पहले किसान गौरे अग्रेंजों का गुलाम था और अब कॉपरेटिव घरानों और राजनेताओं का गुलाम है. किसानों के साथ एक के बाद एक धौखा किया है. जिसके कारण आज किसान सड़क पर आ गया है. किसानों ने बाजू पर काली पट्टी बांधकर आजादी के दिन को काला दिन मनाया है. किसान चाहता है उनको आजादी मिले तो पूरी आजादी मिले.