हिमाचल में 4 दिन से ठप पड़े प्रदेश के पावर प्रोजक्टों में बिजली उत्पादन शुरू

खबरें अभी तक। हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े बिजली प्रोजेक्ट नाथपा झाकड़ी पन विद्युत परियोजना सहित बाकी सतलुज बेसिन परियोजनाओं में आखिर बिजली संकट समाप्त हो गया है।  पिछले 4 दिनों से बंद पड़े सतलुज बेसिन के तीन बड़े पावर प्रोजेक्टों में बिजली उत्पादन शुरू हो गया है। प्रोजेक्टों में उत्पादन शुरू होने से बिजली बोर्ड ने राहत की सांस ली है। प्रोजेक्टों में उत्पादन बंद होने की वजह से बिजली बोर्ड को न सिर्फ ग्रिड में उपलब्ध सरप्लस पूल बल्कि देश के अन्य राज्यों से भी यूआरएस के तहत महंगी बिजली खरीदनी पड़ रही थी।

सतलुज बेसिन की सबसे बड़े 15 सौ मेगावाट के नाथपा झाखड़ी पावर प्रोजेक्ट में बीते करीब 110 घंटे से बिजली का उत्पादन बंद था। ऐसी ही स्थिति 412 मेगावाट की रामपुर परियोजना की भी थी। रामपुर प्रोजेक्ट में भी बिजली का उत्पादन लगभग 110 घंटे बंद रहा। एक हजार मेगावाट की कड़छम वांगतू पन बिजली परियोजना में भी करीब 70 घंटे से बिजली का उत्पादन ठप था। इन तीनों ही प्रोजेक्टों से न सिर्फ प्रदेश को 12 फीसद मुफ्त बिजली मिलती है, बल्कि रामपुर और नाथपा झाखड़ी से तो प्रदेश सरकार को 26 फीसद हिस्सेदारी के एवज में भी बिजली मिलती है।

प्रोजेक्टों से मिलने वाली बिजली न मिल पाने की वजह से प्रदेश बिजली बोर्ड के पास करीब 9 सौ मेगावाट बिजली की कमी हो गई थी। बिजली बोर्ड के मुख्य अभियंता सिस्टम आपरेशन सुनील ग्रोवर ने बताया कि उत्पादन बंद होने की वजह से बोर्ड को न सिर्फ ग्रिड से 130 लाख यूनिट बिजली लेनी पड़ी, बल्कि दूसरे राज्यों के पास उपलब्ध सरप्लस बिजली को भी यूआरएस के तहत खरीदा गया। दूसरे राज्यों से बोर्ड ने 651 लाख यूनिट बिजली की खरीद यूएरएस के तहत ली।

बिजली की इस खरीद से बोर्ड ने प्रदेश में उपभोक्ताओं को बिजली प्रदान की है। उन्होंने कहा कि बोर्ड प्रबंधन ने प्रोजेक्टों के बंद होने के बाद फौरी तौर पर कार्रवाई करते हुए मांग के मुताबिक बिजली की व्यवस्था की। नतीजतन प्रदेश में उपभोक्ताओं को किसी भी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा।