पंजाब और हिमाचल के बीच एमओयू, आनंदपुर साहिब से श्री नैना देवी के बीच रोपवे का रास्ता साफ

खबरें अभी तक। हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के बीच हुई बातचीत ने पंजाब के श्री आनंदपुर साहिब से हिमाचल के श्री नैनादेवी तक रोपवे का रास्ता खोल दिया है। इस संदर्भ में पहले हुआ एमओयू अब बहाल होगा।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि दोनों राज्यों के बीच रोपवे परियोजना की स्थापना को लेकर पूर्व में हुए एमओयू को बहाल करने की सहमति बनी है। जयराम ठाकुर ने बताया कि उन्होंने इस मामले में इसी साल 26 फरवरी को पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के चर्चा की थी। उसके बाद हिमाचल सरकार के सीनियर अफसरों ने भी इस संबंध में पंजाब सरकार के समकक्ष अधिकारियों से वार्तालाप किया।

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आपसी संवाद से अब रोपवे परियोजना पर आगामी प्रक्रिया शुरू होगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि ये परियोजना हिमाचल और पंजाब में न केवल पर्यटन के क्षेत्र में मील पत्थर साबित होगी, बल्कि इससे दोनों धार्मिक स्थानों की यात्रा करने वाले आस्थावान लोगों को भी सुविधा मिलेगी।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि परियोजना पर इसी महीने एमओयू हस्ताक्षरित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। कुल 3.5 किलोमीटर की इस रोपवे परियोजना पर लगभग 200 करोड़ रुपये की लागत आएगी। हिमाचल सरकार के संस्कृति व पर्यटन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रामसुभग सिंह ने इसी मामले में पंजाब के पर्यटन मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू से मुलाकात की है। दोनों की मुलाकात में रोपवे के लिए एमओयू बहाल करने संबंधी तरीकों व प्रक्रिया पर चर्चा हुई है।

हिमाचल में धार्मिक पर्यटन के नजरिए से श्री नैनादेवी महत्वपूर्ण शक्तिपीठ है। इसी तरह पंजाब का विख्यात आस्था स्थल श्री आनंदपुर साहिब है। इन दोनों आस्था स्थलों के बीच रोपवे प्रोजेक्ट काफी समय से पाइपलाइन में था।

पूर्व में हिमाचल सरकार व पंजाब सरकार के मध्य सार्वजनिक निजी सहभागिता के आधार पर इस परियोजना की स्थापना के लिए 26 जुलाई, 2012 को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे। कुछ कारणों से यह समझौता ज्ञापन लागू नहीं किया जा सका। पिछली कांग्रेस सरकार ने इसे रद्द कर दिया था। जयराम सरकार ने सत्ता में आने के बाद पंजाब के सीएम से इस मसले को उठाया था।